UPCA के तथाकथित रिश्वतखोर चयनकर्ताओं को अलविदा

कानपुर

Bhupendra Singh : उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के तथाकथित रिश्वतखोर चयनकर्ताओं को शायद अब अलविदा कहने का समय तय कर दिया गया है। अभी तक ये गाज कुछ चयनकर्ताओं पर गिरनी थी लेकिन नए सिरे से गठित कमेटियों की आम स‍हमति के बाद ये निर्णय अब शायद पूरे ही चयनकर्ताओं के लिए ही लिया गया है। प्रदेश भर से चयनकर्ताओं के खिलाफ आ रही शिकायतों पर अपना ध्यान आकृष्ट करते हुए और रिश्वत के आरोपों के चलते उनकी छुटटी तय कर दी गयी है।

प्रदेश की अण्डर-14 से लेकर अण्डर-19 व अण्डर-25 और रणजी ट्राफी टीमों को चुनने के लिए अब नए सिरे से चयनकर्ताओं की सीधी भर्ती की जाएगी। यही नही प्रदेश की सभी क्रिकेट टीमों के कोच और सपोर्टिंग स्टाफ की भर्ती भी अब नए सिरे से की जाएगी। संघ की वार्षिक आम सभा में सभी निर्णयों पर अंतिम मुहर लग जाएगी। यूपीसीए के सूत्रों का दावा है कि पुराने चयनकर्ता घरेलू मैचों के लिए टीम चुनने के लिए कुछ क्रिकेटरों का चयन कराने के बदले रिश्वत मांग लेते थे और फिर उसका चयन करते थे।

यूपीसीए के एक अंदरूनी सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “वर्तमान समय में दूसरे राज्यों के कई बाहरी लोग पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश की विभिन्न टीमों में आ घुसे हैं,और वह चयनकर्ताओं के साथ मिलकर रिश्वतखोरी को बढावा दे रहे हैं। इससे यूपीसीए के अच्छे क्रिकेटरों को मौका ही नही मिल पा रहा है। यूपीसीए के एक पदाधिकारी ने बताया कि वास्तव में, केवल कुछ लोगों ने चयन प्रणाली में चीजों को खराब कर दिया है, और अब उन्हें पैनल से बाहर करने का समय है,” यूपीसीए अब बाहरी लोगों को राज्य की टीमों में शामिल होने से रोकने की योजना भी बना रहा है।

“दिल्ली और हरियाणा के आधा दर्जन से अधिक क्रिकेटर नियमित रूप से सीनियर और जूनियर टीमों के लिए खेलते हैं। इसके अलावा, पंजाब और नई दिल्ली की एक-एक महिला क्रिकेटरों ने अपने संबंधित जिलों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) और उत्तर प्रदेश में अपने निवास स्थान के साथ अपना पंजीकरण कराया था जिस पर चयनकर्ताओं ने अपनी सहमति जताई और टीमों में खेलने का अवसर प्रदान किया। अब यूपीसीए की सभी आयु वर्ग की टीमों के लिए उन रिश्वतखोर चयनकर्ताओं को अलविदा लगभग कह ही दिया गया है।

अब संघ में नए सिरे से चयनकर्ताओं के साथ ही हेड कोच, बॉलिंग कोच, टीम मैनेजर, स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग ट्रेनर, बैटिंग कोच, वीडियो एनालिस्ट, फिजियोथेरेपिस्ट और साइड-आर्म स्पेशलिस्ट की नियुक्ति भी की जा सकती है। यूपीसीए के एक अन्य अधिकारी ने दावा किया है ऐसा करना अब संघ के लिए पारदर्शिता दिखाने का एक मौका है जिससे लोगों को एक बार फिर से क्रिकेट के प्रति चयनकर्ताओं में ईमानदार रवैया दिखायी देगा।