फेसबुक से : तकलीफों में पले-बढ़े राहुल गांधी तुम्हें जन्म दिन मुबारक हो

कानपुर

हफीज किदवई :
एक नज़र उनकी तस्वीर पर डालिए। सिर से पाँव तक मासूमियत। झूठ का कहीं कोई वजूद नहीं । कभी मज़ाक उड़ाने से उबर पाना तो यह सोचना की आखिर तुम्हें उसके जैसा बचपन मिला होता तो तुम कैसे होते? पड़ोस के शहर में जब कोई हादसों में मारा जाता है तो आसपास के बच्चे सहम जाते हैं। घर की चौखट पर, दुनिया को हिला देने वाली उसकी दादी को जब मारा गया तब उसके बालमन पर क्या प्रभाव पड़ा होगा। इस सबके बीच जब उसके बाप के ख़ून से लथपथ जूते उसके हाथ में रखे गए होंगे तब उसके दिल पर क्या बीती होगी। हाँ तुम मज़ाक उड़ा सकते हो,उसका जीभर मज़ाक उड़ाओ। अभी कुछ लोग यहीं आएँगे और अपने संस्कारों का खुला प्रदर्शन करेंगे।बीस बीस रूपये पर पोस्ट पर कमाई करने वाले उसके चरित्र की धज्जिया उड़ाएंगे।लेकिन मैं कहता हूँ कुछ भी करो,मगर शुचिता से तो करो।

मुझे मालूम है की इधर तुम यही कामों के लिए खासकर बेरोज़गार बनाए गए हो,तो बेरोज़गारी में गाली लिखने के पैसे मिले भला उसमे क्या बुरा है। तुम्हें सीधे तो नौकरी मिल ही नहीं सकती तो गाली गलौज से रोटी चल जाए इससे अच्छा क्या है। इन्हें शुक्र मनाना चाहिए की उनके घर में खाना पहुँचाने के लिए ऐसा चरित्र मिला है जो कल पलट कर भी इनसे बदला नही लेगा,बल्कि इनकी फ़िक्र ही करेगा। तुम सबको उसके बड़े खूबसूरत दिल के बारे में अच्छे से पता है । उसके ख़ून में अवाम को इस्तेमाल करना शामिल ही नही है, बल्कि इनके लिए मरना ही है।

संगीन के साए में वह बड़ा हुआ।उसके इर्द गिर्द ऐसी सख़्ती की दोस्त जैसी चीज़ ही खत्म हो गई। रिश्तेदार के नाम पर माँ और बहन की ही छाँव रह गई। उसके न चाहते हुए भी उसे सुरक्षा घेरे में क़ैद कर दिया गया। अब ज़रा सोचना यह सब तोड़ते हुए उसे कितनी जद्दोजहद खुद में करनी पड़ी होगी। फिर भी ख़ुशी है वह जैसा है बिना मक्कारी झूठ फ़रेब वह सबके सामने है। रही बात उसकी समझ की तो उसे समझने से पहले अपने दिमाग में जमी काई को हटाना पड़ेगा। विषयों पर उसकी पकड़ को देखना हो तो अपनी आँखों पर जमी पीत पत्रकारिता की परत हटानी ही होगी।

आज उसका जन्मदिन है। बड़े बड़े जिस्म वाले मगर छोटे से दिल वाले भी उसे बधाई नहीं देंगे। मुझे इतना पता है वह बहुत उम्दा शख्सियत है। सच्चा है,सीधा है, जैसा है वैसा दिखता है। हमारी जनता ने उसे एक नहीं कई बार चुना है, वह भी मोहब्बत के साथ। राजनीती में वैसे तो कोई स्तर रहा ही नहीं है, समाज ने भी अपना चरित्र खोया ही है। वह भी भीड़ की तरह चल रहा है, बुरा भला कहते हुए। खैर राहुल गाँधी को उनके जन्मदिन की हार्दिक बधाई।

ईश्वर उनसे और बेहद ज़रूरी काम ले। राहुल में किसी तरह की कोई कमी नही है। मुझे ख़ुशी है की दुष्प्रचार के बावजूद उसने अपने आपा नहीं खोया। कहीं पर ज़बान को इतना गिरने नहीं दिया की शर्मिंदगी हो।ज़बरदस्त कीचड़ उछालते लोगों के बीच वह मुस्कुराता हुआ अपने काम में लगा है। ईश्वर उसकी मेहनत के साथ न्याय करेगा। फ़िलहाल राहुल गाँधी को जन्मदिन की हार्दिक हार्दिक बधाई।
साभार हफीज किदवई