बिल्डर के पार्टनर पर कब तक रहेगी मेहरबानी…

कानपुर

कानपुर, भूपेंद्र सिंह। विधायक इरफान सोलंकी और उसके भाई रिजवान सोलंकी को नगर से फरार कराने वाले मामले में नगर के एक बिल्डर पर तो पुलिस और केडीए का शिकंजा कस चुका है लेकिन बिल्डर के पार्टनर पर अभी तक संज्ञान नही लिया जा सका है। बिल्डर के पार्टनर का नाम भले ही उस कृत्य में सीधे तौर पर शामिल न हो लेकिन उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के आला अधिकारी इससे अभी भी खासे आहत दिखायी हैं| खास तौर पर यूपीसीए के अध्यक्ष निधि पति सिंघानिया और पूर्व सचिव राजीव शुक्ला। अंदर खाने पर यह चर्चा भी है कि यूपीसीए के पूर्व सचिव और एक अवैतनिक कर्मचारी ने विधायक के करीबी नगर के पूर्व क्रिकेटर की मदद भी आगे बढ़ चढ़कर की है।

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उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के आला अधिकारियों ने अवैतनिक कर्मचारी पर लगाम लगाने की बात भी कही है। आपको बताते चले कि नगर के पूर्व क्रिकेटर का परिवार इस समय राजनीति में काफी सक्रिय है। वही उनका साथ बिजनेस पार्टनर के रूप में यूपीसीए के अंपायरिंग व स्कोरिंग कमेटी के सदस्य बखूबी देते आ रहे हैं। हाल फिलहाल में विधायक को फरार घोषित किए जाने के बाद पुलिस की पड़ताल में यह पाया गया कि पूर्व क्रिकेटर के परिवार ने उनकी मदद बखूबी की थी। बतातें चलें कि नगर के बिल्डर और उसके पार्टनर विधायक के करीबियों में गिने जाते हैं। पुलिस ने दिसम्बर महीने में इस परिवार पर विधायक को नगर से फरार कराने के मामले में आरोप भी तय कर दिए थे।

यही नही बीते मार्च के महीने में पुलिस और कानपुर विकास प्राधिकरण ने उनकी करोडों की सम्पत्ति को सरकार के हवाले कर दिया था। इसके बावजूद भी बिल्डर के पार्टनर यूपीसीए में अपनी सेवाएं देने में मशगूल दिखायी दे रहें है। यूपीसीए के दूसरे नम्बर के आला अधिकारी के करीबी माने जाने वाले इस शख्स‍ को सेवाएं देने से रोका नही जा सका है। ये बात इतर है कि पार्टनर का नाम इस मामले में सीधे तौर पर नही जुडा है लेकिन संघ को इस ओर अपना ध्यान आकृष्ट करने की आवश्यकता है। संघ के सूत्रों के अनुसार जय जानकारी रात हुई है कि मीडिया में रिपोर्ट आने के बाद यूपीसीए के आला अधिकारियों में रोष व्याप्त हो गया।

यूपी सीए के प्रथम व द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों का मानना है कि इस मामले में संघ का नाम नहीं आना चाहिए इससे क्रिकेट संघ की बदनामी चारों ओर हो रही है। यूपी के पदाधिकारी ने बताया कि अंपायरिंग व स्कोरिंग कमेटी के सदस्य को पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह का वरद हस्त प्राप्त है जिससे वह क्रिकेट के साथ अन्य कार्यों में भी रुचि रख रहे हैं। अंदर इस बात की भी चर्चा है कि उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ से जुड़े इस व्यक्ति ने समय रहते क्रिकेट का बचाव नहीं किया जिससे संघ की बदनामी पूरे क्रिकेट जगत में हो गई है और लोग उसे हिकारत के दृष्टिकोण से देख रहे हैं।