लोएस्ट स्कोरिंग ग्राउन्ड वाली अन्तिम परीक्षा में पास होगा इकाना…

कानपुर

कानपुर। क्रिकेट जगत में लोएस्ट स्कोरिंग ग्राउन्ड के नाम से प्रसिद्धि‍ पा रहे लखनऊ के इकाना स्टेडियम में मंगलवार को खेले जाने वाले मैच में उसकी एक औैर परीक्षा होगी। इकाना की लोएस्ट स्को‍रिंग और असमतल पिच अपनी अगली परीक्षा में पास हो सकेगा इस बात को लेकर इकाना प्रबन्धन और यूपीसीए के कई पदाधिकारी पूरी तरह से आश्वस्त हैं। इसके विपरीत यहां पर बीते कई सालों से खेले गए मैचों के रिकार्ड से ऐसा प्रतीत होता बिल्कुल भी दिखायी नही दे रहा है। स्टेडियम निर्माण के बाद से ही इकाना स्टेडियम की पिच पर लगातार सवाल उठते चले आ रहे है। साल 2017 के पहले दिलीप ट्राफी मुकाबले से लेकर अब तक यहां की पिच पर किच-किच चलती आ रही है इस साल के शुरु में 22 गज की पट्टी पर भारत और न्यूजीलैण्ड के बीच ट्वेंटी-20 मुकाबला हुआ था उसी पिच को लेकर तमाम तरह के सवाल उठाए गए थे।

अब आईपीएल के इस सत्र में एलएसजी के लिए हालात पहले की ही तरह हैं वह बिल्कुल भी नहीं बदले हैं। अब तक खेले गए छह मुकाबलों में पिच का बर्ताव बेहद खराब रहा है। बता दें कि इस समाचार एजेन्सी ने काफी पहले से इस पूरे मामले को उजागर किया था और उसके बाद भी लगातार कवर करता आ रहा है और इसी जुड़ी हर जानकारी अपने पाठकों के बीच साझा कर रहा है।

आईपीएल के पांच मैचों में पिच ने जिस तरह का बर्ताव किया उसे देखकर हर कोई हैरान है। इस वजह से आने वाले समय में यहां पर मैच कराया जाये या नहीं इसको लेकर अब सवाल उठने लगे हैं।बताते चले कि लखनऊ सुपर जायंट्स ने घर में अब तक 6 मैच खेले हैं, उनमें शुरुआती दो मुकाबलों में तो जीत मिली लेकिन इसके बाद पिछले तीन मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा जबकि एक मैच बारिश की वजह से पूरा नहीं हो सका लेकिन उस मैच में भी पिच बेहद खराब थी इसको लेकर किसी तरह का संदेह नहीं है।

अब इस पूरे प्रकरण से बीसीसीआई काफी नाराज है और इकाना को पिच को लेकर बड़ा कदम उठाने जा रही है। एलएसजी के लखनऊ में खेले जाने वाले आखिरी मैच में बीसीसीआई की कमेटी पूरी निगाह रखेगी और रिपोर्ट बोर्ड को सौंपेगी इसके बाद ही इसको पास और फेल होने का सर्टिफिकेट जारी किया जा सकेगा। यूपीसीए सूत्र के मुताबिक, अक्टूबर-नवंबर में वनडे वर्ल्ड कप मैचों की मेजबानी के लिए लखनऊ को भी चुना गया है और वह इस मौके को गंवाना नही चाहेगा। सूत्र बतातें हैं कि वहां के प्रभारी युद्धवीर सिंह साम-दाम-दण्ड -भेद की नीति अपनाकर बोर्ड के अधिकारियों पर इसे पास करने का सर्टिफिकेट जारी करवा सकते हैं।