कानपुर/भूपेंद्र सिंह। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ में अब पदाधिकारियों के लिए गए निर्णय एक दूसरे पर भारी पडते दिखायी दे रहे है। अब संघ के पदाधिकारी अगर किसी निर्णय को ले रहे है तो दूसरा उसके विरोध में खडा होने को पूरी तरह से से तैयार है। यही नही कुछ पदाधिकारियों ने लोढा समिति की सिफारिशों को ताख पर रखते हुए संघ पर अपने निर्णय थोपने को जैसे अपना जन्मसिद्ध अधिकार ही समझ लिया हो।
प्रदेश क्रिकेट संघ में अब निर्णय एपेक्स कमेटी के सदस्यों को नजर अन्दाज करके लिए जा रहे हैं जो शायद किकेट के हित में बिल्कुल भी नही है या फिर ये कहा जाए कि सब कुछ व्यक्ति विशेष पर ही निर्भर है तो कुछ पदाधिकारियों के लिए गए निर्णय दूसरे को मान्य ही नही हैं। हाल ही में महिला क्रिकेट से जुडे कुछ निर्णयों में पदाधिकारी आमने सामने आ गये यही नही निर्णय का विरोध किए जाने के बाद पदाधिकारी को अपना निर्णय भी वापस करना पड गया।
गौरतलब है कि यूपीसीए के संयुक्त सचिव मोहम्मंद फहीम ने महिला सीनियर टीम के लिए यूपीसीए की पूर्व खिलाडी व जूनियर सेलेक्टर राहुल सिंह को टीम मैनेजर नियुक्त किया तो उस निर्णय का विरोध महिला सेलेक्टर व पदाधिकारियों ने एक स्वर में करना शुरु कर दिया। संयुक्त सचिव ने ये निर्णय एपेक्स कमेटी के सदस्यों की बैठक के बिना ही और बिना सहमति के ही कर दिया। संयुक्त सचिव मोहम्मद फहीम ने राहुल सिंह को टीम मैनेजर बना दिया तो महिला सीनियर क्रिकेटर व पदाधिकारियों को ये निर्णय नागवार गुजरा और विरोध की आग भडक उठी।
विरोध की आग की लपटों में अपने को घिरता देख फहीम ने यू-टर्न मारा और राहुल सिंह को उसके पद से विमुक्त कर सीनियर कश्मीरा जैन को मैनेजर नियुक्त कर राहुल सिंह को फील्डिंग कोच नियुक्त कर दिया। मोहम्मद फहीम पर राहुल सिंह पर मेहरबानी करने का भी आरोप लगाया गया जिसे उन्होने सिेरे से खारिज कर दिया और उसे टेलेन्टड बताकर उसकी प्रतिभा को पहचाने जाने की दुहायी दी। राहुल सिंह की नियुक्ति और पद निस्काषन को लेकर मचे हो हल्ले के बीच एपेक्स कमेटी के सदस्यों ने जब एप्रूवल की बात कही तो फहीम ने उनको अपने निर्णय लेने की बात को अंतिम कहा। इस तरह के किसी भी प्रकरण की जानकारी यूपीसीए के शहर से बाहर बैठे किसी भी पदाधिकारी के पास नही है।
वर्जन-यूपीसीए के सचिव प्रदीप गुप्ता ने इस बारे में बताया कि अब एजीएम तक सारे निर्णय पदाधिकारी ही लेने में समर्थ है ये बात अलग है कि इस प्रकरण की जानकारी अभी तक उपलब्ध नही हो सकी है। संघ के कर्मचारियों से बात करके सब ठीक कर दिया जाएगा।
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