Naman Agarwal : पीएफआई पर बैन लगने के बाद कानपुर पुलिस एक्शन में आ गई है. जुमे की नमाज के चलते कानपुर पुलिस सड़कों पर उत्तर कर संवेदनशील इलाकों में जमीन से लेकर आसमान तक ड्रोन से निगरानी कर रही है. वहीं वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी भरी तादाद में पुलिस फोर्स के साथ संवेदनशील इलाकों में पैदल गस्त कर रहे हैं. वहीं जुम्मे की नमाज के चलते खुफिया एजेंसियां और स्थानीय खुफिया इकाइयां भी पल-पल की जानकारी ले रही हैं.
आप को बता दें की 3 जून को हुई कानपुर हिंसा के बाद से कानपुर पुलिस हर जुमे और त्यौहार पर शहर में मुस्तैद रहती है वही हाल ही के दिनों में PFI से जुडी गतिविधियों के चलते पुलिस और प्रशासन और भी जादा सतर्क हो चुकी है जिसके चलते अब शहर के सभी संवेदनशील इलाकों में चील सी पैनी नज़र रखी जा रही है.
बता दें कि पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड और संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी सभी डीसीपी, एडीसीपी और एसीपी के साथ सड़कों पर उतरे हुए हैं. ताकि कोई भी किसी भी प्रकार का कोई उत्पात न मचा सके. वहीं पीएफआई मामले की जांच कर रही यूपी पुलिस को पूछताछ और जांच के दौरान कई खुलासे हुए हैं. यूपी पुलिस के टॉप सोर्स के मुताबिक, पीएफआई ने मुसलमानों को भी कई कैटेगरी में बांट रखा था. कुछ मुस्लिमों को वो सिर्फ और सिर्फ चंदा लेने के लिए टारगेट करते थे, जिससे अपने संगठन को फाइनेंशियली मजबूत किया जा सके.
जांच में यह भी पता लगा कि PFI सबसे ज्यादा स्टूडेंट ग्रुप्स पर ध्यान देता था, जो मुस्लिम यूथ को आईएस आर्गेनाइजेशन के साथ जोड़ सके। ताकि मुस्लिम युवक मदरसों में जाकर दिनी तालीम लें. यह पीएफआई के एजेंडे में सबसे ऊपर होता था। इस जांच में सबसे खतरनाक तथ्य यह सामने आया है कि पीएफआई के लोग शरीयत की बातों को मुस्लिम युवाओं को जोड़ तोड़कर अपने एजेंडे के हिसाब से बताते थे, ताकी अपने एजेंडे को चलाने में मदद मिल सके.
पीएफआई अपने जिहादी मिशन मे लड़कों को भर्ती करने के बाद उनको अपनी पॉलिटिकल विंग में भी ट्रेनिंग देता था, ताकि उनको पॉलिटिकली लोगों को जोड़ने मे जरा भी कठिनाई न हो. लखनऊ की एक टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कुछ छात्र भी इन लोगों की मदद कर रहे थे, ताकी सोशल मीडिया पर भी पीएफआई अपना एजेंडा तेजी के साथ फैला सके. वही पीएफआई मामले को लेकर कानपुर में भी अलर्ट है. पुलिस कई मोहल्लों में गस्त पर है और हर गतिविधियों पर अपनी पैनी नज़र बनाए हुए है. ताकि किसी भी अनहोनी के होने से पहले ही उसे रोक दिया जाए.
जानकारी के लिए आप को बता दें कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानि PFI पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस व जांच एजेंसियां कानपुर में भी पीएफआई से कनेक्शन की तलाश में जुटी हैं. जिसके चलते करीब 15 लोग पुलिस और जांच एजंसियों के रडार पर हैं, बताया जा रहा है कि ये कभी पीएफआई से संपर्क में रहे हैं. वहीं लगातार इनपर निगरानी भी की जा रही है। कुछ से पूछताछ भी की गई है. वहीं पुलिस अधिकारीयों का कहना है कि वर्तमान में जो भी सक्रिय एजेंट पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई तय है.