Kanpur, Adarsh : कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के अंतर्गत प्राथमिक सेक्शन (आईआईटी- मोतीझील) पर यात्री सेवा के लिए 8वीं ट्रेन गरुदेव चौराहा स्थित मेट्रो डिपो में पहुंची है। आत्मनिर्भर भारत के तहत कानपुर मेट्रो की ट्रेन गुजरात में वडोदरा के निकट सावली प्लांट में तैयार की गई हैं, जो 18 सितंबर को वहां से रवाना की गई थी। आत्मनिर्भर भारत की मुहिम के तहत कानपुर मेट्रो की ट्रेनें पूरी तरह से ‘मेक इन इंडिया हैं और इन्हें निर्माता कंपनी मेसर्स ऐल्सटॉम इंडिया के सावली (गुजरात) प्लांट में तैयार किया जा रहा है।
इन ट्रेनों में ‘रीजेनरेटिव ब्रेकिंग का फीचर है जिसकी मदद से ट्रेनों में लगने वाले ब्रेक्स के माध्यम से 45 फीसदी तक ऊर्जा को रीजेनरेट कर फिर से सिस्टम में इस्तेमाल कर लिया जाता है। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए इन ट्रेनों में अत्याधुनिक ‘प्रॉपल्सन सिस्टम भी लगा है। इन ट्रेनों में कार्बन-डाई-ऑक्साइड सेंसर आधारित एयर कंडीशनिंग सिस्टम है जो ट्रेन में मौजूद यात्रियों की संख्या के हिसाब से चलता और ऊर्जा की बचत करता है।
ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशन को ध्यान में रखते हुए ये ट्रेनें संचारित आधारित ट्रेन नियंत्रण प्रणाली से चलती हैं। कानपुर मेट्रो की ट्रेनों की यात्री क्षमता 974 है। इन ट्रेनों की डिजाइन स्पीड 90 किमी./घंटा और ऑपरेशन स्पीड 80 किमी./घंटा तक है।
ट्रेन के पहले और आखिरी कोच में दिव्यांगों की व्हीलचेयर के लिए अलग से जगह है। व्हीलचेयर के स्थान के पास ‘लॉन्ग स्टॉप रिक्वेस्ट बटन है जिसे दबाकर दिव्यांग ट्रेन ऑपरेटर को अधिक देर तक दरवाजा खुला रखने के लिए सूचित कर सकते हैं, ताकि वे आराम से ट्रेन से उतर सकें। वहीं हर ट्रेन में 56 यूएसबी चार्जिंग पॉइंट्स भी हैं। टॉक बैक बटन भी है जिसे दबाकर यात्री इमरजेंसी में ट्रेन ऑपरेटर से बात कर सकते हैं। यात्री की लोकेशन और सीसीटीवी का फुटेज सीधे ट्रेन ऑपरेटर के पास मौजूद मॉनीटर पर दिखाई देता है।