Bhupendra Singh : उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सदस्यों और पदाधिकारियों को ‘कौरवों की सेना’ कहने वाला सदस्य अभी भी सभी सदस्यों के कार्यो में हस्तक्षेप करने से बाज नही आता दिखायी दे रहा है। संघ में मीडिया का कार्य देख रहा और उनके बीच जबरदस्त पैठ रखने वाला सभी अधिकारियों पर पूर्व सचिव की निकटता का प्रभाव दिखाने से गुरेज नही रखता। सभी कार्यों में हस्तक्षेप करने वाला एपेक्स कमेटी का सदस्य इसे हाई कमान से मिले निर्देश का हवाला देकर सबको बंदर घुड़की भी देता रहता है।
यही नहीं संघ में कार्य करने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लेकर अधिकारी व पदाधिकारियों के कार्य में भी हस्तक्षेप करना शायद वह अपनी शान समझता है और वह इसका कोई मौका नही चूकता। कई बार तो वह सुरक्षा के लिए लगाए गए कर्मियों को धमका कर उनसे अपना मनमाफिक कार्य करवाने के लिए विवश करता आ रहा है। इसकी वजह संघ के पूर्व सचिव के निजी सचिव से उसके बीच खास रिश्ते माने जाते रहे हैं जो दोयम दर्जे के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए डर का सबब बना हुआ है।
बीते डेढ साल पूर्व यूपीसीए के एक कार्यक्रम के दौरान उसने अपने सम्बोधन में अपने संघ के पदाधिकारियों के लिए कहा था कि पहले रामराज्य चल रहा था अब कौरवों की सेना अपना काम कर रही है। जिसके लिए उसे एक और पूर्व सचिव व दो निदेशकों ने उसको अल्टींमेटम भी दिया था। अपने कृत्य के लिए उसे माफी भी मांगनी पडी थी लेकिन उसके बाद भी उसका हर सदस्य के कार्य में हस्तक्षेप करना बन्द नही हुआ।
बीते सितम्बर महीने में ग्रीनपार्क में आयोजित लीजेण्डस वर्ल्ड मिनी कप के मैचों के दौरान उसने आयोजकों के साथ भी दुर्व्यवहार किया था। जबकि उसमें यूपीसीए कहीं भी शामिल नही था लेकिन तब भी वह मीडिया सेन्टर पर पूरी तरह से काबिज था और उनके भी हर कार्य में हस्तक्षेप करता आ रहा था। उसकी ओर से सभी के कार्यों में हस्तक्षेप का आलम तो यह है कि अभी हाल ही में चयन प्रक्रिया के दौरान सेलेक्टरों के बीच बैठा मन्त्रणा करते भी पाया गया था।
उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ की एपेक्स कमेटी में कुल 14 सदस्य है लेकिन सबसे ऊपर शायद यही सदस्य माना जाता है। संघ के कुछ पदाधिकारी उस खास एपेक्स सदस्य से परेशान होकर इस्तीफे की भी पेशकश कर चके थे। फिलहाल संघ के कुछ पदाधिकारी वार्षिक आम सभा का बेसब्री से इन्तजार कर रहें हैं जिसमें वह अपनी शिकायत हाई कमान से दर्ज कर उस पर कार्यवाही करा सकें|