Kanpur: क्रिकेट के एजेंट 1 से 5 परशेन्ट कमीशन लेकर खिलाड़ियों को टीम में शामिल करवाने का लेते हैं ठेका

कानपुर

Bhupendra Singh : उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की सभी आयु वर्ग की टीमों में खिलाडियों को शामिल करवाने के लिए प्रदेश के अलावा अन्य पडोसी राज्यों के पूर्व खिलाडी अब कमीशन भी कमा रहे है। यही नही टीम में उनका एक खिलाडी भी शामिल किया जाता है। यूपीसीए के पूर्व सचिव के निजी सचिव अकरम और दूसरे पूर्व सचिव युद्धवीर के एजेंट अभी भी टीम में शामिल करने के लिए खिलाड़ियों से वसूली कर रहे हैं |इन दोनों के एजेंट खिलाड़ियों को इन तक पहुंचाने का काम करते हैं| जिसके बदले में उन्हें 1 से 5 परसेंट कमीशन मिलता है| किसी को कैश नहीं दिया जाता एजेंटों को काम पर इसलिए लगाया गया है कि खिलाड़ियों उनसे सीधे संपर्क में ना रहे|

यही नहीं इन दोनों का एजेंट बनने के बाद इनके चंगुल से निकलना मुश्किल ही नहीं असंभव भी प्रतीत होता है यदि एजेंट उनसे पीछा छुड़ाना चाहे तो व जबरन उसके खाते में उसके कमीशन की रकम डालकर उसे निकलने की इजाजत नहीं देते| इन दोनों अधिकारियों ने प्रदेश ही नहीं इससे सटे बाहरी राज्यों के खिलाड़ियों को शामिल करने के लिए हरियाणा ‘दिल्ली में भी अपने एजेंट तैयार कर रखे हैं| जो क्रिकेटर और उनके अभिभावकों से बात करते हैं और सेटिंग बनाते हैं और उनकी चयन प्रक्रिया से पहले ही सीधे मुलाकात करा देते हैं| उन्नाव के एक एजेंट ने कानपुर के अंडर 16 प्लेयर शिवांशु सचान को टीम में शामिल करने के एवज में लगभग 2000000 रुपए की डील करवाई थी|

जिसका 1% कमीशन भी उनके खाते में अकरम के माध्यम से जमा करवा दिया गया है| यूपीसीए के पदाधिकारी ने बताया की पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह और अकरम के बीच थोड़े दिनो पूर्व टीम में शामिल कराने को लेकर की जा रही वसूली को लेकर तनाव था जो अब दूर हो गया है| अब फिर से यह प्रक्रिया शुरू हो गई है अब तो एजेंटों के बीच में ज्यादा संख्या में खिलाड़ियों के शामिल कराने का संधि युद्ध भी शुरू हो गया है| इसके रोकने से ही पारदर्शिता का दौर लौट सकेगा|

70 साल के ऊपर निदेशक संभाल रहे संघ
कानपुर। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ में लोढा समिति की सिफारिशों का पालन बिल्कुल ही विपरीत दिशा में किया जा रहा है। लोढा की सिफारिशों में जहां संघ में पदाधिकारियों की आयु 70 वर्ष निर्धारित कर रखी गयी है उसके बावजूद यूपीसीए इस आयु वर्ग को पार कर चुके सदस्यों को अभी भी निदेशक नियुक्तं कर रखा है। लखनऊ के श्याम बाबू जोकि अपने आधारकार्ड के आधार पर 70 वर्ष की आयु पार चुके है लेकिन संघ उन्हे अभी भी उतनी उम्र का मानने को तैयार नही है और निदेशक के पद पर नियुक्त कर रखा है। जबकि उन्हेे किसी भी मन्त्रणा के लिए आमन्त्रण तक नही भेजा जाता जिससे वह किसी प्रकार के निर्णय लेने के अधिकार में भी शा‍मिल नही होते। अब तो उन्हो्नें अपने पुत्र को भी यूपीसीए में शामिल करवाने में सफलता प्राप्तं कर ली है।