Bhupendra Singh : दिसंबर महीने की सर्दी बाद भी लोगों के शरीर से पसीने छूट रहे हैं। वायुमंडल में आए बदलाव से सर्दी के मौसम में लोगों को पसीना छूट रहा है लोग दिन में धूप से बचते नजर आ रहे हैं जबकि पूर्व के समय में लोग धूप सेकने के लिए छत और खुले मैदानों पर मौजूद रहते थे मौसम के बदलाव से दिन में पारा 27 डिग्री तक पहुंच रहा है। रात का तापमान भी सामान्य से 3.5 डिग्री से अधिक जा चुका है। मौसम विभाग के मुताबिक, दिसंबर में अधिक तीव्रता वाली सर्दी की संभावना कम ही है। बारिश के भी आसार नजर नहीं आ रहे है। जिसे महीने लोग सर्दी से कंपकंपाते हैं। उस महीने पसीना छुड़ाने वाली गर्मी पड़ रही है।
मंगलवार को अधिकतम पारा 27.2 तो न्यूनतम 13.8 डिग्री सेल्सियस रहा। यह इस सीजन (दिसंबर) का सर्वाधिक तापमान है। यह स्थितियां तब हैं जब उत्तर-पश्चिमी हवाएं चल रही हैं। इनकी गति भी 8-10 किमी प्रति घंटा रही है। वहीं, बुधवार सुबह न्यूनतम तापमान 13 डिग्री तक पहुंच चुका है। लोगों ने फिर से हाफ जैकेट का ही सहारा लेना शुरू कर दिया है।
बढ़ते तापमान का असर फसलों पर भी पड़ा है। इससे उत्पादन में कमी आ सकती है।
सर्दियों में नमी का प्रतिशत सामान्य तौर पर 90 या इससे अधिक होता है पर तेज धूप ने इसका अधिकतम प्रतिशत 76 और न्यूनतम 38 ला दिया है। सामान्य तौर पर न्यूनतम नमी 60 के आसपास रहती है। सर्दी कम होने की एक वजह यह भी है। CSA के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि तापमान बढ़ने से फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। वहीं, मौसम विभाग के अनुसार 72 घंटे के बाद सामान्य सर्दी की शुरुआत हो सकेगी। इसके बाद भी शीतलहर की संभावना नहीं है। नया पश्चिमी विक्षोभ नहीं आता है तो ही शीतलहर आएगी।