-पिच एण्ड ग्राउन्डसमैन कमेटी को नजरअन्दाज कर और एपेक्स के सदस्यों को नही कोई सूचना
Bhupendra Singh : नई दिल्ली वाले यूपीसीए के कार्यालय में किए जाने निर्णयों में एक फैसला और जुड गया है। बिना किसी ऐजेन्टे के तहत और एपेक्स कमेटी के सदस्यों की बिना इत्त्लाह के इस के निर्णय में संघ को एक नए विकेट निर्माणकर्ता की नियुक्ति कर दी गयी है। संघ के मुख्य निर्माणकर्ता की नियुक्ति किए जाने से सदस्यों के बीच भी चर्चा हो रही है। अभी हाल ही में संघ ने चुपके से ही मुख्य विकेट निर्माणकर्ता की सीधी भर्ती कर दी जिसके लिए एपेक्स कमेटी के साथ ही पिच एण्ड ग्राउन्डसमैन कमेटी के सदस्यो की राय तक नही ली गयी। इससे भी अलग यह है कि लाइफ मेम्बर्स संघ को पूरी तरह से अपने कब्जे में करे हुए हैं और फिर वह सभी मुददों पर विशेष निर्णय भी ले रहे हैं।
यूपीसीए में पहली बार किसी अन्य प्रदेश से आने वाले शख्स को इतनी बडी जिम्मेदारी सौंपी गयी है। बतातें चलें कि यूपीसीए के विकेट निर्माणकर्ताओं की असफलता और लापरवाही रवैये के चलते ग्वालियर के संजीव अग्रवाल को चीफ पिच क्यूरेटर नियुक्त किया है। अब संजीव की देखरेख में ही मेन ग्राउंड के साथ-साथ 9 पिच तैयार करने के साथ ही आइपीएल मैचों की पिच तैयार करने की जिम्मेदारी भी उनकी ही होगी। भारत और न्यूजीलैंड का मैच लखनऊ की जिस पिच पर खेला गया, उसको लेकर हार्दिक पंड्या ने टिप्पणी की थी। उन्होंने पिच को टी-20 क्रिकेट के माफिक नहीं बताया।
मैच से पहले इंदौर चीफ क्यूरेटर समुद्र सिंह चौहान को इकाना प्रबंधन ने बुलाया था उन्होंने पिच को देखा तो साफ कह दिया था कि ये पिच टी-20 लायक नहीं है। इतना ही नहीं सुधार करने के लिए उनके पास अब वक्त भी नहीं है। इसके बाद पिच क्यूरेटर सुरेन्द्र कुमार को इकाना स्टेडियम के ए मैदान से हटाकर बी में स्थानान्तरित कर दिया गया है जबकि संजीव राधेश्याम अग्रवाल मुख्य विकेट निर्माणकर्ता के तौर पर कार्य करेंगे। ये सब निर्णय संघ की पिच एण्ड ग्राउन्डसमैन कमेटी और एपेक्स कमेटी की सदस्यों की बिना जानकारी के ही दिल्ली वाले यूपीसीए के कार्यालय में कर दिए गए।
गौरतलब है कि संजीव कैप्टन रूपसिंह स्टेडियम पर 1996 में खेले गए वर्ल्ड कप मैच में पिच बनाने में शामिल रहे थे। वे बीते चार सालों से विकेट निर्माण प्रक्रिया करने वालों की सूची से भी गायब रहे लेकिन संघ ने उन्हे ये जिम्मेदारी बहुत मोटी सैलरी के साथ सौंप दी है। इस निर्णय से यूपीसीए के विकेट निर्माण करने वाले सदस्यों को गहरा आघात लगा है। यूपीसीए के निदेशक और एक पदाधिकारी ने बताया कि इस प्रकार के निर्णय पिच एण्ड ग्राउन्डसमैन कमेटी के सदस्यों के पैनल की बैठक के साथ ही एपेक्स कमेटी की बैठक में तय किया जाना चाहिए था। यही नही ये निर्णय भी सभी की सहमति से संघ के कार्यालय में ही तय किया जाना चाहिए था न की दिल्ली के कार्यालय में।
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