बीपी प्रतिनिधि। कानपुर में पश्चिम बंगाल और नेपाल से लाकर गोविंद नगर में बड़े घरानों को बेची गईं तीन बच्चियों को शुक्रवार को सोशियो लीगल इंफॉर्मेशन सेंटर के पदाधिकारियों ने उनके चंगुल से छुड़ाया। गोविंद नगर इंस्पेक्टर रोहित तिवारी ने बताया कि श्रम विभाग व अपर नगर मजिस्ट्रेट की टीम थाने आई थी। उनके साथ गोविंद नगर यू ब्लॉक निवासी अंकुर पाखरानी के मकान में छापा मारकर पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी निवासी दो बच्चियों को बरामद किया गया।
वहीं, ग्वालटोली इंस्पेक्टर धनंजय सिंह ने बताया कि गुरुवार रात टीम ने सिविल लाइंस स्थित प्रखर जैन के मकान से नेपाल की रहने वाली बच्ची को बरामद किया। सोशियो लीगल इंफॉर्मेशन सेंटर की सदस्य अधिवक्ता नंदिनी वर्मा ने बताया कि इन बच्चियों को नीलम कंसल्टेंसी के एजेंट ने 23 जून को शहर में इन लोगों के हवाले किया था।
इसके बदले में मोटी रकम ली गई थी। बच्चियों ने फोन पर अपने परिजनों से संपर्क किया था। परिजनों ने नेपाल स्थित संस्था से मदद मांगी थी। इसके बाद टीम ने डीएम विशाख जी. से संपर्क कर तीनों को आजाद कराया है। पुलिस के मुताबिक जिन बच्चियों को बंधन मुक्त कराया गया, उन्होंने बताया कि एजेंसी ने रोजगार दिलाने का झांसा दिया था।
यहां मालिकों के हवाले कर दिया, जो दिन रात घर के काम कराने लगे। घर के बाहर तक नहीं जाने देते थे। फोन पर परिजनों से बात भी नहीं करने देते थे। टीम बच्चियों को कोर्ट ले गई, जहां से उन्हें नारी निकेतन केंद्र भेजा गया।
एजेंट ने तीनों का सौदा एक-एक लाख रुपये में किया था। संस्था की अधिवक्ता नंदिनी वर्मा ने बताया कि एजेंट की फोटो हाथ लगी है। तलाश की जा रही है। वहीं, श्रम विभाग की टीम शहर में इस तरह से बंधक बनाई गईं अन्य बच्चियों का पता कर रही है।