KANPUR : वन विभाग के हनी ट्रैप में भी नहीं फंसा तेंदुआ, पिंजड़े से करीब से ही लौट गया

कानपुर

ADARSH : कानपुर की स्माल आर्म्स और ऑडिनेंस फैक्टरी में घूम रहा नर तेंदुआ काफी शातिर है। फंसाने के लिए वन विभाग ने हनी ट्रैप बिछाया था पर वह नहीं फंसा। टीमें पिंजड़े के पास ट्रैंकुलाइजर गन से निशाना साधे बैठी रहीं जिसकी मारक क्षमता ही 72 मीटर तक है। तेंदुआ पिंजड़े से करीब सौ मीटर दूर से ही लौट गया। ऐसे में तेंदुए को पकड़ने को वन विभाग और रेस्क्यू टीमों द्वारा की गई पूरी कवायद फेल हो गई।

रेंजर जकी अहमद ने बताया कि मादा तेंदुए की आवाज और यूरिन वाला तरीका काफी हद तक काम कर रहा है। लोहे के बड़े से पिंजड़े में तेंदुए की डमी (पुतला) को रखकर चिडियाघर से मादा तेंदुए की यूरिन लाकर उसका छिड़काव किया गया था। सब कुछ असली लगे इसके लिए ब्लू टूथ स्पीकर के माध्यम से मादा तेंदुआ चंचल की गुर्राहट को भी गुंजाने के पूरे इंतजाम किए गए थे।

रात करीब साढ़े 12 बजे स्पीकर की आवाज सुनकर थोड़ी दूर से तेंदुए ने भी एक बार गुर्राहट भरी। टीम ने सतर्क होकर पास आने का इंतजार किया लेकिन वह नहीं आया। कुछ पलों के लिए करीब सौ मीटर दूर दिखाई जरूर दिया। दूरी ज्यादा होने के कारण उस पर डार्ट नहीं मारा जा सका। वन विभाग का दावा है कि रणनीति कामयाब हो सकती है, दोनों दिन तेंदुआ पास आकर लौटा है। अब एक और जगह ऐसा ही हनी ट्रैप बिछाया जाएगा।