KANPUR : सीईओ समेत यूपीसीए के कई पदाधिकारी आईपीएल के पास बेच रहे हैं!

कानपुर

BHUPENDRA SINGH। लखनऊ के इकाना स्टेडियम में खेले जा रहे आईपीएल के मैचों के दौरान फ्रैन्चाइजी का दबाव दिखाकर यूपीसीए के सीईओ समेत कई पदाधिकारी पास समेट कर उन्हे मुंहमागी कीमत पर बेचने का मामला उठ गया है। यूपीसीए के सूत्र बतातें हैं कि सीईओ अपने खासमखास लोगों को छोडकर मैच के पास अपने ही चेलों के माध्यम से बिकवा रहे है। इकाना स्टेडियम को हाउसफुल दिखाकर पास को अपने पास रख मैच शुरू होने से कुछ समय पूर्व उसको बेचकर धन उगाही भी की जा रही है यूपीसीए के सूत्र यह भी बताते हैं कि सीईओ, उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव की टीम के सदस्‍य आईपीएल मैचों के पास मैदान के बाहर जाकर बेच रहे हैं जबकि संघ के कई अधिकारियों को मैदान के भीतर प्रवेश ही नही करने दिया जा रहा है।

ऐसा इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि टिकट बेचने वाली एजेन्सी की ओर से जहां सभी दर्शक दीर्घाओं को मैच के दौरान हाउसफुल दिखाया जा रहा है तो वहीं टीवी पर कोई भी दीर्घा आधी से अधिक भरी दिखायी नही देती। यूपीसीए से मिली जानकारी के मुताबिक लखनऊ की टीम बनने के बाद यहां पर मैच आवन्टित होने की पूरी संभावना बन गयी थी लेकिन संघ के भीतर लगातार चल रहे विवाद और लोढा समिति की सिफारिशों के चलते यूपीसीए के सीईओ अंकित चटर्जी के साथ वित्ति विभाग के उपाध्यक्ष विनीत गुप्ता को वहां मैच आयोजित करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी।

पहली बार मिली इतनी बडी जिम्मेदारी और अनुभवहीन होने के चलते वह अपना दायित्व पूरी तरह से निभाने में असफल रहे। बीते चार मैचों में लोगों का इन्टरेस्ट कम रहा तो उन्होंने पास वितरण सोच समझ कर करने का प्रयास किया लेकिन वह उसमें भी अधिक सफल नही रह सके। अब बडी टीमों यानि आरसीबी, सीएसके और मुम्बई इन्डियन्स के खिलाफ मैच देखने के लिए लोंगों का दबाव बना तो उन्होनें संघ के कुछ चुनिन्दा पदाधिकारियों और कर्मचारियों को छोड पास देने के लिए मना कर दिया जबकि उनके खास लोग मैदान के बाहर मैच के पास बेचते देखे गए।

यूपीसीए के एक पदाधिकारी ने बताया कि बाहर प्रान्त सें आए कुछ खास किस्म के लोग इकाना स्टे‍डियम के बाहर सोमवार की शाम एलएसजी और आरसीबी के बीच खेले गए मैच के काम्लीमैन्टरी पास बेचते नजर आए। जबकि फ्रैन्चाइजी की ओर से काम्लीमैन्टरी पास केवल यूपीसीए को ही दिए गए है। उन्होंने बताया कि अब वह पास रुपए से बेचे जा रहे हैं तो यह खेल भावना के विपरीत है।