कानपुर : गंगा मेले पर सपा और भाजपा के नेताओ ने एक दूसरे से गले मिलते हुए दी गंगा मेला की बधाई

कानपुर

कानपुर/अंकित दीक्षित : कानपुर में होली का पर्व पूरे एक हफ्ते का होता है। जहा अनुराधा नक्षत्र के दिन गंगा मेला के आयोजन के बाद होली का समापन होता है, जिसके चलते आज गंगा मेला के मौके पर हटिया के रज्जन बाबू पार्क में विशेष आयोजन किया गया। जहा होलियारे सबसे पहले तिरंगा फहराते हुए दिखाई दिए, वही इस मौके पर विशेष बैंड ने आजादी के गाने गाते हुए गंगा मेला का शुभारंभ किया।

हटिया से निकलने वाले ठेला मेला को लेकर लोगो मे खासा जोश दिखाई दे रहा है। इस बार भैसा ठेले के साथ साथ ऊट और बाबा का बुलडोजर भी दिखाई दे रहा है। जो लोगो के आकर्षण का केंद्र बना रहा। आप को बता दे कि जिस तरह से यूपी में योगी सरकार दोबारा आई है, उससे बाबा का बुलडोजर खासा चर्चा का विषय बन गया है। जिसके चलते इस बार हटिया मेले में बुलडोजर पर सवार होकर होलियारों निकलने को आतुर दिखाई दे रहे है।

कानपुर में गंगा मेला के मौके पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है। जहा भारी पुलिस बल होलियारों के साथ मौजूद दिखाई दे रही है। इस दौरान कमिश्नर से लेकर आलाधिकारी भी मौजूद है वही रज्जन बाबू पार्क से लेकर यह पुलिस बल लगातार होलियारों के साथ मौजूद रहेगा।

कानपुर में गंगा मेला में हटिया के रज्जन बाबू पार्क में भैसा ठेला मेला की शुरुवात तिरंगा फहरा कर किया गया। जहा सपा विधायक और भाजपा प्रत्याशी भी मौजूद रहे। इस दौरान दोनों पार्टियों के नेताओ ने एक दूसरे से गले मिलते हुए एक दूसरे को गंगा मेला की शुभकानाएं दी।

मुस्लिम भाइयों ने किया स्वागत :
मूलगंज में मुस्लिम भाइयों ने रंग के ठेले का स्वागत किया। खास बाजार स्थित केस्को सब स्टेशन के पास तिरंगा फहराकर फूलों की वर्षा की गई। ठेला जनरलगंज बजाजा, मनीराम बगिया, मूलगंज, टोपी बाजार, चौक स्थित कोतवालेश्वर मंदिर चौक, सराफा, कोतवाली चौराहा, कमला टॉवर, बिरहानारोड, नयागंज, काहूकोठी, लाठी मोहाल होते हुए वापस रज्जन बाबू पार्क पहुंचा।

स्वाधीनता संग्राम से जुड़ा है मेला :
1942 के स्वाधीनता आंदोलन के दौरान प्रतिबंध के बाद भी यहां रज्जनबाबू पार्क में तिरंगा फहराकर रंग खेला गया था। अंग्रेज पुलिस ने तब लाठीचार्ज कर 40 युवकों को गिरफ्तार कर लिया था। इसके विरोध में व्यापारियों ने पूरा कारोबार बंद कर दिया।

मजदूरों ने मिलें बंद कर दीं। आखिकार अंग्रेजों को झुकना पड़ा। युवकों को अनुराधा नक्षत्र के दिन छोड़ा गया। युवकों की छोड़ने की खुशी में यहां मेले के दिन तक रंग बरसता है।