कानपुर/ स्टेट डेस्क : शहर के प्रसिद्ध ज्वेलर्स और बुलियन के साथ करोड़ों रुपए की हेरा फेरी करने वालों महा घोटाले बाजों में उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के आजीवन सदस्य का नाम भी शामिल है |
ज्वेलर्स के भांजे के रूप में पहचान बनाने वाले संघ के आजीवन सदस्य का नाम शामिल पाए जाने से इस समय पूरे बाजार में हड़कंप मचा हुआ है| यूपीसीए के सूत्रों से मिली खबर के अनुसार एक औद्योगिक घराने में चार्टर्ड अकाउंटेंट की नौकरी करने वाले शख्स को इसी के चलते आजीवन सदस्य की मान्यता दी गई है| यही नहीं वह औद्योगिक घराने के पुराने कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर अरबों रुपए की संपत्ति को वारा न्यारा
करने में भी शामिल है|
उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ में कई सालों से आजीवन सदस्य के रूप में भी काम कर रहे हैंl बुलियन कारोबारियों और पर बिल्डर के ठिकानों पर छापे मारने वाले आयकर अफसरों ने अब एमरल्ड के प्रमोटर संजीव झुनझुनवाला और औद्योगिक घराने की बीच हुए लेनदेन के साक्ष्य जुटा लिए हैं। जिसमें यूपीसीए के आजीवन सदस्य के रूप में कार्य कर रहे एक शख्स का नाम प्रमुखता से शामिल है| हालांकि जांच दल ने अभी उनका नाम स्पष्ट रूप से उजागर नहीं किया है| लेकिन ज्वेलर्स से नजदीकी रिश्तेदारी ( ज्वेलर्स के सगे भांजे) के चलते उनका भी नाम बुलियन गिरोह में शामिल होना बताया जा रहा है| सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार एमराल्ड के प्रमोटर के ग्रुप में कार्य करने वाले शख्स के साथ उनकी नजदीकियां शहर के नामी-गिरामी हस्तियों के बीच चर्चा में अवश्य है|
विभाग ने घराने की एक कंपनी के प्रबंध निदेशक और अन्य अधिकारियों के बीच हुई व्हाट्सएप चैट रिकवर की है, जिसमें वित्तीय लेनदेन के साक्ष्य हैं। आयकर सूत्रों के अनुसार चैट में फ्लैटों की संख्या के आगे तिथि और रकम अंकित है। लेनदेन की पर्चियां भी मिली हैं। सूत्रों ने बताया कि चैट को रिकवर करने के लिए बड़ी सॉफ्टवेर कंपनी के एक्सपर्ट बुलाए गए थे। मुंबई की पांच – और दिल्ली की तीन टीमें लगाई गई थीं।
बुलियन कारोबारियों की लखनऊ, अहमदाबाद और दिल्ली की जिन फर्जी फर्मों के जरिये सालाना 2500 करोड़ रुपये की फर्जी बिलिंग की जा रही थी, वे चेक और आरटीजीएस के जरिये यह रकम बुलियन कारोबारियों के खातों में भेज रहीं थीं। इसके बाद इस रकम को फ्लैटों के निर्माण में लगाया जा रहा था। फ्लैटों से होने वाली कमाई में सबकी हिस्सेदारी थी। औद्योगिक घराने का भी इसमें बड़ा हिस्सा था।
चैट में औद्योगिक घराने द्वारा बड़े पैमाने पर बुलियन खरीद के भी साक्ष्य मिले हैं। बुलियन की यह खरीद फ्लैटों की बिक्री से मिलने वाली 50 फीसदी कैश से की जा रही थी। यह भी आशंका है। औद्योगिक घराने की कंपनियों में काली कमाई खपाई गई। हालांकि अभी इस बिंदु पर जांच की जा रही है। इस बाबत जानकारी के लिए उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के उपाध्यक्ष मोहम्मद फहीम को फोन मिलाया गया तो उन्होंने ना ही फोन का जवाब दे और ना ही मैसेज का