Kanpur, Adarsh : पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस व जांच एजेंसियां कानपुर में भी पीएफआई से कनेक्शन की तलाश में जुटी हैं। करीब 15 लोग रडार पर हैं, ये कभी पीएफआई से संपर्क में रहे हैं। इनकी निगरानी लगातार की जा रही है। कुछ से पूछताछ भी की गई है। वर्तमान में जो भी सक्रिय एजेंट पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई तय है।
बतातें चलें कि बुधवार को गृह मंत्रालय ने इस संगठन को पांच वर्षों के लिए बैन कर दिया है। मंगलवार को प्रदेश के 26 जिलों में छापे पड़े थे जहां से 50 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी की गई थी। बुधवार को लखनऊ से चार और युवकों को एसटीएफ ने पकड़ा। ये भी पीएफआई से जुड़े हैं। इसके मद्देनजर पुलिस कमिश्नर ने अलर्ट जारी किया है। एलआईयू और एसटीएफ सक्रिय कर दी गई है।
सुरक्षा एजेंसी उन संदिग्धों पर भी नजर रख रही है जो पहले किसी न किसी आतंकी संगठन के संपर्क में थे। 2017 में आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल का खुलासा हुआ था, जिसमें कानपुर के पांच आतंकी शामिल थे। उनके संपर्क में 30 से अधिक लोग थे। उनकी निगरानी बढ़ा दी गई है।
सोशल मीडिया की भी निगरानी
पीएफआई को जांच एजेंसियों ने कट्टरपंथ फैलाने वाला और देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाया है। पिछले कुछ समय में देखा गया है कि कट्टरपंथी संगठन के लोगों ने सोशल मीडिया को अपना हथियार बनाया है। वह युवाओं को टारगेट कर उनसे संपर्क करते हैं। बातचीत कर भड़काते हैं। इसलिए पुलिस के साथ-साथ सुरक्षा एजेंसियां सोशल मीडिया की भी निगरानी कर रही हैं।