Bhupendra Singh : पुलिस ने दावा किया है कि फर्जी आधार पर टिकट बुक कराकर विधायक ने हवाई सफर किया था। फर्जी आधार के जरिये ही एयरपोर्ट में भी प्रवेश किया था। इन दोनों मामलों में भी केस दर्ज किया गया है। वहीँ जिस फर्जी आधार कार्ड की मदद से इरफान सोलंकी के हवाई सफर करने का दावा पुलिस ने किया था, हालांकि उसे अभी तक बरामद नहीं कर सकी है। कोर्ट ने भी इस पर सवाल खड़े किए थे। पुलिस अफसरों के पास इस संबंध में बहुत पुख्ता तथ्य नहीं हैं। हालांकि अफसरों का कहना है कि फर्जी आधार की बरामदगी के लिए आरोपियों को रिमांड पर लिया जा सकता है। पुलिस ने 26 नवंबर को ग्वालटोली थाने में इरफान सोलंकी, रिजवान सोलंकी समेत नौ पर जालसाजी, साजिश रचने की धारा में मुकदमा लिखा था।

साथ ही, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर उनका इस्तेमाल करने का केस भी लिखा गया। एफआईआर में यह भी लिखा है कि इरफान ने अशरफ अली के नाम का फर्जी आधार बनाया था। शुक्रवार को पुलिस ने आरोपी दोनों भाइयों से करीब तीन घंटे की पूछताछ की थी। इसके बाद भी अब तक ये पता नहीं हो सका कि इरफान का फर्जी आधार कहां हैं। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि विवेचना जारी है। फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है। जरूरत पड़ी तो आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। जेसीपी ने बताया कि भले अभी फर्जी आधार बरामद नहीं हुआ, लेकिन उससे संबंधित साक्ष्य मिल गए हैं। 10 नवंबर को नोएडा स्थित एक होटल में इरफान रुके थे। यहां पर वही अशरफ अली नाम का फर्जी आधार लगाया था। होटल से ये दस्तावेज प्राप्त कर लिए गए हैं।
पुलिस के मुताबिक इरफान मुंबई में कई अलग-अलग होटलों में ठहरे। होटल की बुकिंग में फेक आईडी लगाई गई। होटल का रेंट लगभग 15 सौ से दो हजार रुपये रहा। जब उन्हें भनक लगी थी कि पुलिस को मुंबई ठिकाने की जानकारी हो गई है। तब वो वहां से भाग निकले थे। वहां से हैदराबाद पहुंचे थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक तेलंगाना पुलिस ने कानपुर पुलिस का सहयोग नहीं किया था। यही कारण है कि जब पुलिस ने दबिश दी, तो उसके आधे घंटे पहले ही इरफान वहां से निकल गए थे।
बतातें चलें कि इरफान सोलंकी व रिजवान के खिलाफ 13 और शिकायतें पहुंची हैं। जमीन कब्जे से लेकर अन्य आरोपों संबंधी ये शिकायतें हैं। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर ने बताया कि इन सभी शिकायतों की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है। इसका प्रतिनिधित्व एसीपी स्वरूपनगर मृगांक शेखर पाठक कर रहे हैं। इसमें इंस्पेक्टर जाजमऊ अशोक कुमार दुबे व कर्नलगंज इंस्पेक्टर रत्नेश सिंह शामिल भी हैं। जेसीपी के मुताबिक जांच में जिन-जिन मामलों में सुबूत मिलेंगे, उसमें एफआईआर दर्ज की जाएगी।