Kanpur, Pulin Tripathi : डायबिटीज के दुष्प्रभाव के कारण होने वाले दूसरे रोगों से भी बचाव हो सकता है। स्टेम सेल थेरेपी की सुविधा आर्थिक रूप से कमजोर रोगियों को निशुल्क मिल सके, इसके लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने स्टेम सेल लैब का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। लैब बनने पर यहां सभी जरूरी मशीनें उपलब्ध हो जाएंगी। डायबिटीज के रोगियों को स्टेम सेल थेरेपी की सुविधा अभी प्रदेश के किसी भी चिकित्सा संस्थान में नहीं है। यह सुविधा देने वाला जीएसवीएम प्रदेश का पहला राजकीय मेडिकल कॉलेज है।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि स्टेम सेल लैब का प्रस्ताव तैयार हो गया है। इसके साथ ही यहां नाड़ बैंक भी बनाया जाएगा। रोगियों के शरीर से प्राप्त की जाने वाली स्टेम सेल कोशिकाओं का इस्तेमाल तो होगा ही, इसके साथ ही जच्चा-बच्चा अस्पताल में पैदा होने वाले बच्चों की नाड़ भी सुरक्षित कर ली जाएगी। बच्चों की नाड़ से प्राप्त कोशिकाएं अधिक प्रभावी होती हैं। उन्होंने बताया कि लैब बनने पर सारे उपकरण उपलब्ध हो जाएंगे।
इसके साथ ही मशीनें भी आ जाएंगी। उन्होंने बताया कि इस वक्त सेहत के लिए डायबिटीज सबसे बड़ा खतरा है। इससे आंख, गुर्दे, लिवर, नस, नर्वस सिस्टम समेत शरीर के विभिन्न हिस्से प्रभावित होते हैं। स्टेम सेल थेरेपी से अग्नाशय में सुधार आने के साथ अन्य अंगों को भी फायदा मिल सकता है। इससे रोगी सिंड्रोम एक्स में जाने से बच सकता है।
बतातें चलें कि रोगियों को स्टेम सेल थेरेपी देने के लिए बाहर से किट खरीदने के साथ ही इंदौर से मशीन मंगानी पड़ती है। इसकी कीमत एक करोड़ रुपये है। स्टेम सेल थेरेपी के विशेषज्ञ डॉ. बीएस राजपूत ने बताया कि मशीन के साथ विशेषज्ञों की टीम भी आती है। टीम एयर फ्लाइट से आती है। टीम के एक बार आने का खर्च करीब सवा दो लाख रुपये आता है। मशीन होने से यह खर्च बचेगा।