Kanpur, Adarsh : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत घोष शिविर में शामिल होने के लिए शहर आएंगे। आजाद नगर के पंडित दीन दयाल उपाध्याय सनातन धर्म विद्यालय में यह आयोजन होना है। 6 से 10 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले घोष शिविर में भागवत हिस्सा लेंगे।
यहां आरएसएस प्रमुख स्वयंसेवकों के साथ छोटी-छोटी बैठकों में देश के प्रति उनका दृष्टिकोण जानेंगे। आने वाले निकाय और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिहाज से भागवत का कानपुर प्रवास महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विश्व संवाद केंद्र ने उनके कार्यक्रम की जानकारी दी है।
साल के अंत में होने वाले निकाय चुनाव और लोकसभा 2024 के नजरिये से यह शिविर कुछ अलग ही मायने रखता है। घोष शिविर का आयोजन और सरसंघ चालक की उपस्थिति को इन्हीं अर्थो से देखा जा रहा है। इस शिविर में भाजपा संघठन और सरकार के शीर्ष जिम्मेदारों के शामिल होने की भी चर्चा है। इस शिविर में संघ के प्रान्त भर से स्वयंसेवक शामिल होंगे। जों यहां पर तय होने वाले मसौदे को पूरे प्रदेश तक ले जाने का कार्य करेंगे।
बता दें कि घोष शिविर का आयोजन प्रत्येक प्रांत में 10 साल बाद होता है। संघ की शाखा में शारीरिक कार्यक्रमों का विशेष महत्व होता है। शारीरिक विभाग से ही घोष शिविर की अवधारणा बाहर निकली है। इस आयोजन को संघ द्वारा देश स्तर पर क्रमवार किया जाता है। जिसमें संगठन के बड़े पदाधिकारी शामिल होते है।
आरएसएस के पदाधिकारी बताते हैं, कि घोष विभाग को तराशने का काम सुब्बू श्रीवास ने किया। बताते हैं कि 1932 में पुणे में एक घोष शाखा लगती थी। घोष में रुचि के कारण सुब्बू श्रीवास ने वहां प्रशिक्षण लिया और देश भर में घोष प्रमुख बनाए। संघ की घोष रचनाएं सेना से ली गई थी, जो अंग्रेजी ढंग से उसी धुन में बजायी जाती थी। आज़ादी के बाद उन्होंने इनके शब्द स्वर तथा लिपि का भारतीयकरण किया। विषय के विशेषज्ञों से भी मिले। नतीजतन आज़ादी के बाद कुछ ही सालों में घोष धुन बदल गई।
सुब्बू श्रीवास ने नई रचनाएं बनाकर नंदन नामक पुस्तक में छपवाया। इसके बाद तो घोष विभाग ने टेप, चिप के माध्यम से रचनाओं को लोकप्रियता तक पहुंचाया। सोशल मीडिया के जरिये वर्तमान में घोष विभाग के गतिविधि देश के सभी भागों में पहुंचाने की कोशिश जारी है।