कानपुर/स्टेट डेस्क। इस बार नगर की मेयर सीट जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी पहले से भी अधिक एलर्ट मोड पर है। संगठन की ओर से सारे “कील-कांटों” को मजबूत कर किया जा चुका है। टिकट घोषणा के बाद असंतुष्टों को मनाने का भी इंतजाम कर लिया गया है।
एक ओर जहां देश के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है वहीं कई चरणों के मंथन के बाद भी भाजपा अपने पत्तेे खोल नही रही है। संघ के सूत्रों के मुताबिक नगर के संघ परिवार से ताल्लुक रखने वाले बैरिस्टर की बहू नीतू सिंह पर संगठन के लगभग सभी लोगों ने अपनी मुहर लगा दी है बस घोषणा ही नाम मात्र के लिए बची दिखायी दे रही है।
नीतू सिंह लगातार 99 परसेन्ट पर आज की तारीख में नॉट आउट पारी पर खेलती नजर आ रही है। पार्टी की आंतरिक स्थितियों के मद्देनजर अधिक खींचतान न मचे इस लिए नीतू सिंह के नाम को अंत तक रोक कर रक्खा गया है। खबर ये है कि सभी संभावित दावेदार रेस में काफी पीछे हो चुके हैं। कुल मिलाकर अधिकृत घोषणा के साथ सिंबल की औपचारिकता भर शेष बची है। (News Portal) को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाईकमान से टिकट की अधिकृत घोषणा के बाद 24 अप्रैल को नीतू सिंह नामांकन पत्र दाखिल कर सकती हैं।
नाम को रोके जाने के बाद पीछे एक तर्क ये भी दिया जा रहा है कि विपक्षी दल ऐन वक्त पर रणनीति बदल भी सकते हैं। जैसा कि विधान सभा के चुनाव में आर्य नगर से कांग्रेस के तत्कालीन प्रत्याशी प्रमोद जायसवाल भाजपा को हराने के लिए अपने चुनाव मे ऐन वक्त पर निष्क्रिय हो गए थे। जिसका सीधा एडवांटेज सपा के अमिताभ बाजपेयी को मिला था और वह लगातार दूसरी बार विधायक बने जिससे बीजेपी को यह सीट दोबारा गंवानी पड गयी थी। ऐसी पुनरावृत्ति दोबारा न हो इसके लिए भी पार्टी ने रणनीति बनाई है।
23 या फिर 24 अप्रैल को प्रत्याशी के नाम की अधिकृत घोषणा होने के बाद चुनावी समर शुरु हो जायेगा।चूंकि चुनाव प्रचार बैशाख महीने में करना है और वोटिंग जेठ की दुपहरी में होगी। इस लिए चुनाव प्रचार कैसे करना है और वोटिंग के लिए क्या खास रणनीति रहेगी…? इस पर संघठन की तरफ से विशेष तौर पर मंथन कर रणनीति बनाई जा रही है ताकि चुनाव में वोटिंग प्रतिशत कम न हो।