Adarsh : छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में 30 सितंबर को हुई मारपीट के मामले में छात्रों ने गुरुवार दोपहर परिसर में जमकर हंगामा किया। मुख्य गेट से अंदर अकैडमिक भवन की ओर न जाने देने पर उनकी विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों से धक्कामुक्की भी हुई। पुलिस से भी छात्र उलझ गए। काफी देर बाद विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारियों ने आकर छात्रों को शांत कराया और उनका ज्ञापन कुलपति तक पहुंचाने का भरोसा दिलाया।

यूनिवर्सिटी में 30 सितंबर को लाइब्रेरी के बाहर बीबीए थर्ड ईयर के चार छात्रों हिमांशु शर्मा, माधवेंद्र कटियार, रिषभ कुशवाहा व विनीत कटियार का बीटेक सेकेंड ईयर के छात्र शुभम कुमार से झगड़ा हो गया था। इसके बाद दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को हिरासत में लिया था। दोनों पक्षों के थाने में समझौता करने पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।
यूनिवर्सिटी की कमेटी ने जांच की तो मारपीट का वीडियो सामने आया और पांचों छात्रों के खिलाफ कार्यवाही की संस्तुति कर दी थी। इसके बाद कुलपति के आदेश पर कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव ने पांचों छात्रों को निलंबित कर दिया था और सभी पर 20-20 हजार जुर्माना भी लगाया था। तब से बीबीए के स्टूडेंट वीसी से मिलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन यूनिवर्सिटी कैंपस के सिक्योरिटी गार्ड उन्हें अंदर नहीं जाने दे रहे थे। इस बात को लेकर आक्रोशित छात्रों ने गुरुवार को हंगामा करने के साथ ही नारेबाजी की।
छात्रों ने खुद ही बैरीकेडिंग लगाकर सभी को अंदर जाने से रोकने लगे। सूचना पर चीफ प्राक्टर डा. प्रवीन कटियार, डीन छात्र कल्याण प्रो. संजय स्वर्णकार व डीन प्रशासन प्रो. सुधांशु पांड्या टीम के साथ पहुंचे और छात्रों से वार्ता की। छात्र निलंबन व जुर्माने का आदेश वापस लेने की मांग पर अड़ गए। उन्होंने बताया कि जिस छात्र से झगड़ा हुआ था, वह एक छात्रा को परेशान कर रहा था। दोनों पक्षों में समझौता भी हो चुका है, लेकिन यूनिवर्सिटी जानबूझकर उनका भविष्य बर्बाद करने की कोशिश कर रहा है। ज्ञापन लेने के बाद आक्रोशित छात्र शांत हुए।