Bhupendra Singh : हाल ही में कश्मीर घाटी में हुयी बर्फबारी और पहाड़ों की ओर से आ रही हवाओं ने पहाडों के साथ ही मैदानी इलाकों के मौसम को वक्त से पहले ही ठन्डा कर दिया है। उत्तर-पश्चिमी हवाओं की आवा जाही से नगर वासियों को अगले कुछ दिनो में सर्दी महसूस होने लगेगी। मौसम इस कदर बदलेगा कि अधिकतम तापमान 26 से 27 डिग्री जबकि न्यूनतम 11 डिग्री तक गिर कर पहुंच सकता है। 19 नवंबर के आासपास एक और पश्चिमी विक्षोभ के एक्टिव होने की संभावना है। इससे एक बार फिर तापमान में वृद्धि हो सकती है लेकिन नवंबर के आखिरी दिनों से ठंड अपने पूरे शबाब में आने लगेगी जिससे ठंड का कहर और बढ़ेगा। इस बार गर्मी-बारिश की तरह ठंड भी नए रिकॉर्ड बना सकती है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस बार सर्दी दो-तीन महीने पड़ेगी।
नवंबर के अंतिम सप्ताह में ठंड अपना असर दिखाने लगेगी। इस बार नवंबर के अंतिम दिनों में न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की बात कहीं जा रही है। इस बार फरवरी तक ज्यादा सर्दी पड़ने के आसार बताये जा रहे है। इस बार दिसंबर, जनवरी और फरवरी में ज्यादा सर्दी पडऩे के आसार हैं।
इन्हीं महीनों में शीत लहर और कोहरे की स्थिति बनेगी। मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि जिस तरह गर्मी में गर्मी ने और मॉनसून में बारिस ने रिकॉर्ड तोड़ा, उसी तरह इस बार ठंड भी कुछ नए रिकॉर्ड बना सकती है। अभी तक ठंड इसलिए ज्यादा नहीं पड़ी क्योंकि एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ आते रहे। इनके कारण ही अगले कई दिन ठंड बढ़ेगी और वापस तापमान में वृद्धि होगी।
सीएसए के मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, इस साल सर्दी की दस्तक अक्टूबर में ही हो गई थी। बार-बार आ रहे पश्चिमी विक्षोभों के असर से अभी तक तापमान में उतनी गिरावट नहीं आ सकी जितनी आनी चाहिये थी। पहाड़ों पर बर्फबारी भी ज्यादा नहीं हुई है। फिर हवा की दिशा भी बार-बार बदलती रहती है। इसीलिए कभी दिन में गर्मी लगने लगती है।