Bhupendra Singh : उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ में अपनी दोबारा पारी खेलने के लिए पूर्व सचिव ने चुनाव अधिकारी एके जोति पर जबरदस्त दबाव बनाया लेकिन उनके काम नही आया। पूर्व सचिव ने चुनावी प्रक्रिया के तहत नामांकन के अंतिम क्षणों तक सभी प्रकार से हाथ पैर मारे लेकिन उन्हे अन्त में निराशा का सामना ही करना पडा।
प्रदेश संघ के चुनाव अधिकारी से पहले की निकटता होने के चलते उन्हे ये उम्मीद थी कि वह उनका साथ बखूबी देंगे लेकिन चुनाव अधिकारी ने निष्पक्षता दिखाते हुए चुनावी प्रक्रिया से बाहर का रास्ता दिखा दिया। संघ की एजीएम से पूर्व करायी गयी चुनावी प्रक्रिया में उनकी ओर से किए गए सारे प्रयास विफल साबित रहे और वह किसी भी कमेटी में स्थान नही पा सके।
उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ की वार्षिक आम सभा से लगभग 15 दिन पूर्व ही लगभग पूरी कार्यकारिणी निर्विरोध नामित कर दी गयी। मुख्य चुनाव अधिकारी एके जोति की अध्यक्षता में सम्पन्न हुए इस चुनावी कार्यक्रम में पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह ने सचिव पद को एक बार फिर से अपने पास रखने के लिए सदस्यों के सामने प्रस्ताव रखा और कोर्ट एंव बोर्ड से लिखवा कर लाए स्वीकृति पत्र को सबके सामने पेश किया।
उनके इस प्रस्ताव और स्वीकृति पत्र को देखते ही वहां पर विरोध शुरु हो गया और उनके चुनावी प्रक्रिया में शामिल किए जाने पर वर्तमान सदस्यों ने कडा एतराज भी जताया। चुनाव अधिकारी एके जोति ने उनके नामांकन पत्र को खारिज करने में क्षणिक मात्र भी समय नही गंवाया जिससे उनकी मंशा के अनुरूप संघ में कोई भी सदस्य उनके पक्ष में खडा नही हो सका।
चुनाव अधिकारी के समक्ष पूर्व सचिव ने सभी प्रकार की मान मनौव्वल और दबाव बनाने के साथ अपने पुराने सम्बन्धों की दुहायी भी दी लेकिन उन्होंंने निष्पक्षता दिखाते हुए उस पर विचार करने से भी मना कर दिया।
पूर्व सचिव के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले सदस्यों ने भी उनका साथ सचिव पद पाने के लिए नही दिया। संघ के भीतर खाने में चर्चा रही कि पूर्व सचिव के खिलाफ राज्यपाल के यहां से चल रही जांच के चलते उन्हें चुनावी प्रक्रिया में शामिल नही होने दिया गया है।