Kanpur : क्रिकेट की महाप्रबन्धक ने दी सफाई कर्मचारियों को हटवाने की घुडकी

कानपुर

Bhupendra Singh : उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ इकाई की महाप्रबन्धक स्तर की अधिकारी अब अपने कार्य का दायित्व छोडकर दूसरे के कार्यो में हस्तक्षेप कर रहीं है। वह अब संघ की सबसे बडी अधिकारी का प्रभार या स्वामित्व समझ अब कर्मचारियों पर दबाव बनाने का काम भी कर रहीं है। बीते तीन दिन पूर्व महाप्रबन्धक अचानक ही ग्रीनपार्क पहुंची और वहां पर मौजूद कर्मचारियों से कर्नलसीके नायडू लीग मैच की तैयारियों की जानकारी मांगी। इससे पहले कि सभी कर्मचारी कुछ बयान दे पाते उन्होंने सफाई व्यवस्था के जिम्मेदार कर्मचारियों को अपने पास बुला लिया। कर्नल सीके नायडू लीग मैच के लिए प्रयोग किए जाने वाले नए ड्रेसिंग रूम में गंदगी देख वह बुरी तरह से कर्मचारियों पर बिफर पडीं और उनको लताड लगा दी। यही नही जब कर्मचारियों ने उनको समय से कार्य पूरा किए जाने का आश्वासन दिया तो भी उन्होंने कर्मचारियों को नौकरी से हटवाने की घुडकी दे डाली।

उन्होनें सफाई कर्मचारियों को लताडते हुए कहा कि अगर उन्होंने समय से और सही दिशा में कार्य को सम्पादित नही किया तो उन्हे वह एक सप्ताह के भीतर ही नौकरी से हटवा देंगी। इसके बाद उन्होंंने संघ के सीईओ अंकित चटर्जी को फोन भी मिला दिया। संघ के सीईओ अंकित चटर्जी अपने दल बल के साथ ग्रीन पार्क पहुंचे और मामले की तह तक जाने का प्रयास किया ।उन्होंने कर्मचारियों को थोड़ी सख्त हिदायत देकर काम पर ध्यान देने के लिए निर्देश दिए ।संघ के आला अधिकारी से मिले वरद हस्त के चलते महाप्रबंधक का पावर पूरे शबाब पर है। वह क्रिकेट आयोजन समिति में भी अपना हस्तक्षेप करने से गुरेज नहीं रखती।

उनका साथ कमला क्लब स्थित कार्यालय मैं तैनात विकेट निर्माणकर्ता और मीडिया कमेटी के चेयरमैन के साथ अन्य अधिकारी दे रहे हैं। वही नौकरी खोने के डर से कई कर्मचारी जिसमें वह सफाई कर्मचारी में शामिल है खौफ के साए में जीने को मजबूर हो गए हैं। हद तो यह है की मैदान में सफाई करनी हो तो वह फावड़ा और बेलचा लेकर बैठना उनकी मजबूरी हो चुकी है। वहीं कई अन्य कर्मचारी भी महाप्रबंधक के डर से अपनी मर्जी से चाय तक नहीं बना सकते। यूपीसीए के पदाधिकारी ने बताया गया संघ में दी गई जिम्मेदारी का गलत तरीके से फायदा उठाया जा रहा है। कर्मचारियों पर दबाव नहीं बनाना चाहिए खास तौर पर छोटे स्तर के कर्मचारियों पर। इस मामले पर अध्यक्ष और सचिव से बात की जाएगी।