कानपुर, भूपेंद्र सिंह। प्रधानमंत्री की ओर से गरीब मरीजों के लिए शुरु की गयी आयुष्मान योजना का प्रभाव नगर के अस्पतालों में बिल्कुंल ही पडता नही दिखायी दे रहा। आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों को इलाज कराने के लिए आयुष्मान योजना का खुला माखौल नगर के अस्पतालों में उडाया जा रहा है। हैलट अस्पताल में दूर-दराज के इलाकों से आने वाले लोगों के पास आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद उनके इलाज और जांचों के लिए पैसा वसूला जा रहा है।
डीएम के हस्तक्षेप के बाद से मरीजों को इस योजना का लाभ मिलना शुरु तो गया लेकिन कई सवाल अपनेपीछे छोड गया। नगर के प्रमुख सरकारी अस्पताल हैलट में हमीरपुर से आए श्याम सुंदर पिछले तीन दिनों से अपनी मां का इलाज करवाने के लिए हैलट के चक्कर लगा रहे, डॉक्टरों ने उनकी मां की कुछ जांचे लिखी थी जिसमे एमआरआई सबसे मुख्य थी। लेकिन एमआरआई सेंटर उनसे दो हजार रुपए की मांग की गई, साथ ही उनसे यह भी कहा गया कि इलाज तो यहां मुफ्त होता है लेकिन जांचों का पैसा देना होता है।
माँ की हालत बिगड़ते देख श्याम सुन्दर देर शाम डीएम ऑफिस पहुंच गए। डीएम के न मिलने पर वो निराश होकर वापस हैलट तो लौट आए लेकिन डीएम के ऑफिस में एक पत्र जरूर लिख कर छोड़ आए। जिसके बाद डीएम ऑफिस से हैलट प्रशासन के पास फोन आना शुरू हो गए और गरीब मरीज को तुरंत इलाज देने की बात कही गई। दरअसल श्याम सुन्दर की मां जिनकी उम्र 86 साल है उन्हें 1 अगस्त को हैलट अस्पताल में भर्ती किया गया था।
डॉक्टरों ने उनकी एमआरआई जांच लिखी थी, जिसके बाद वो अपनी मां को स्ट्रेक्चर पर लेकर इधर से उधर लेकर दौड़ने को मजबूर हो गया। इसके बाद जब हैलट के एमआरआई सेंटर पहुंचा तो आयुष्मान कार्ड धारक होने के बावजूद उससे कॉन्ट्रास्ट के नाम पर दो हजार रुपए की मांग कर दी। जिस पर उसने अपनी आप बीती सुनाई, लेकिन एमआरआई सेंटर वालों ने उससे कहा अगर कार्ड बनवाया है तो जाओ पीएम और डीएम से पैसा लेकर आओ तभी एमआरआई होगा। इस बात पर वो अपनी माँ को वार्ड में छोड़ कर डीएम ऑफिस पहुंच गया।
सीएमएस और ईएमओ ने भी तीमारदारों की नही सुनी
आपको बता दें एमआरआई सेंटर में मौजूद लोगों की सलाह पर वो हैलट के सीएमएस और इमरजेंसी में बैठे ईएमओ के पास भी गया लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी। साथ ही उसको यह सलाह दी की पैसा देकर जल्द से जल्द एमआरआई कराओ। डीएम ऑफिस में श्याम सुंदर जो पत्र छोड़ कर आया था उस पत्र को जब डीएम ने पढा तो उन्होंने सीएमओ को जांच के आदेश दिए, साथ ही हैलट प्रशासन को तत्काल फोन करके एमआरआई करने के आदेश दिए जिसपर शाम आठ बजे उस गरीब का इलाज सरकारी तन्त्र् के माध्यम से शुरु हो सका। डीएम ने हैलट प्रशासन को आयुष्मान कार्ड के तहत मरीज का इलाज करने के निर्देश भी दिए हैं।