Kanpur : बिना खिलाडियों के चल रही एकेडमी में यूपीसीए खर्च कर रहा प्रतिमाह लाखों

कानपुर

Bhupendra Singh : नौनिहाल क्रिकेटरों का भविष्य तैयार करने को साल 2016 स्थांपित की गयी डॉ. गौर हरि सिंहानिया क्रिकेट एकेडमी बिना खिलाडियों के ही चलायी जा रही है।जिसमें तैनात व कार्यरत कर्मचारी व अधिकारियों पर लाखों रुपए का खर्च उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ करता आ रहा है। इससे भी बडी बात ये है कि न तो वहां पर कोई प्रशिक्षक की तैनाती भी नही की गयी है जबकि इसकी देख रेख के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी से लेकर महाप्रबंधक और इवेन्ट मैनेजर की नियुक्ति की गयी है। इनकी नियुक्ति भले ही डॉ. गौर हरि सिंहानिया क्रिकेट एकेडमी के लिए की गयी हो लेकिन सबको मोटी पगार केवल कार्यालय में बैठने के लिए ही दी जा रही है।

गौरतलब है कि डॉ. गौर हरि सिंहानिया क्रिकेट एकेडमी में नियुक्त कर्मचारी व पदाधिकारी एकेडमी से सटे संघ के कार्यालय में ही पूरे दिन अपना समय गुजारते हैं और यूपीसीए के कार्य में हस्त्क्षेप करने में कोताही नही बरतते। बतातें चलें कि डॉ. गौर हरि सिंहानिया क्रिकेट एकेडमी के सीईओ दीपक शर्मा को डेढ से पौने दो लाख रुपए पगार के रूप में दिए जाते है जबकि वह अपनी निर्धारित सीट पर नियुक्ति के बाद से शायद ही बैठे हो। इस के लिए संघ के भीतर उनका विरोध भी हुआ लेकिन संघ के कुछ पदाधिकारियों ने मामले में मध्यहस्तता कर सब कुछ दुरुस्त करा दिया। डॉ. गौर हरि सिंहानिया क्रिकेट एकेडमी का उदघाटन पूर्व केन्द्रीय मन्त्री स्वर्गीय अरुण जेटली ने साल 2016 की 22 मई को किया था।

डॉ. गौर हरि सिंहानिया क्रिकेट एकेडमी को स्थापित किए जाने का मुख्य उददेश्य खिलाडियों को क्रिकेट की बारीकियां सिखाने से लेकर, पर्सनैलिटी डेवपलमेंट, जिम, अत्याधुनिक मशीनों से प्रशिक्षण प्राप्त कराने के लिए था जो कि 6 साल बाद भी पूरा नही कि या जा सका। इसके स्थापित किए जाने से लेकर अभी तक लाखों रुपए प्रतिमाह के हिसाब से खर्च करता आ रहा है। जबकि डॉ. गौर हरि सिंहानिया क्रिकेट एकेडमी से अभी तक कोई भी खिलाडी देश तो क्या प्रदेश और नगर के क्रिकेटिंग मानचित्र पर अपना परचम नही लहरा सका है।

डॉ. गौर हरि सिंहानिया क्रिकेट एकेडमी को तैयार करने में करीब छह करोड़ रुपये का खर्च आया था। यूपीसीए के एक पदाधिकारी ने बताया कि यहां क्रिकेट की बारीकियां सिखाने से लेकर, पर्सनैलिटी डेवपलमेंट, जिम, अत्याधुनिक मशीनों से प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी थी लेकिन अभी तक एक भी खिलाडी यहां से निकल नही पाया है और लाखों रुपए महीने का खर्च अवश्य ही होता नजर आ रहा है।