Kanpur : नौनिहाल क्रिकेटरों की जान के साथ यूपीसीए कर रहा खिलवाड

कानपुर

Bhupendra Singh : उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों और उनके कार्यकर्ताओं के कर्मठ कार्यशैली कानपुर ही नहीं अपितु प्रदेश के अन्य जिलों के नौनिहाल क्रिकेट खिलाड़ियों की जान के साथ खेलते नजर आ रही हैं। जहां शासन और जिला प्रशासन के आला अधिकारी बर्फीले और जहरीले मौसम में लोगों को घर से बाहर ना निकलने की सख्त हिदायत दे रहे हैं। वही उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ प्रदेश भर के नौनिहाल क्रिकेटरों को मैदान पर बुलाकर इस हाड कंपाने वाली सर्दी में मैच खेलने के लिए विवश कर रहा है 1 और 2 डिग्री सेल्सियस पारे और घने कोहरे के बीच में नौनिहाल क्रिकेट खेलने पर मजबूर हैं। इन सबके बीच जबकि बीसीसीआई के नक्शे पर जूनियर क्रिकेट का भविष्यं ही तय नही किया गया है वहीं यूपीसीए अपनी शान बढाने के लिए खिलाडियों का भविष्य सर्दी के इस भीषण माहौल के बीच अभ्यास मैच कराने में मशगूल है।

यूपीसीए के कर्मठ कार्यकर्ता और पदाधिकारी तो हीटर और ब्लोअर के सामने बैठकर उन पर अपनी निगहबानी कर रहें हैं वहीं सर्द थपेडों के बीच खिलाडी टीम में स्थान पाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहा है। गौरतलब है कि यूपीसीए केवल जोन वाली प्रतियोगिता के लिए टीम के चयन को लेकर इतना गंभीर होता दिखायी दे रहा है। बोर्ड ने जूनियर क्रिकेट के लिए इस बार अपना कैलेन्डर नही खोला है और प्रदेश के संघ को किसी भी समय टीम चुनने और जोनल स्तर पर प्रतियोगिता करवाने के लिए निर्देशित किया है।

अगस्त् महीने से चल रही इस चयन प्रक्रिया में चयनकर्ता खिलाडियों को चुनने में अभी तक असमर्थ ही रहे है और इस हाड कंपाऊं ठण्ड में नौनिहाल क्रिकेटरों को जिनकी उम्र अभी चौदह वर्ष की भी नही हो सकी है उन्हे मैदान में बुलाकर मैच खेलने के लिए मजबूर कर रहा है। जब शासन की ओर से इस मौसम के बारे में लगातार अलर्ट जारी कर सभी को घरों पर रहने के लिए सख्त हिदायत दी जा रही है तो नौनिहाल क्रिकेटरों को खुली हवा में सर्द थपेडों के बीच बुलाना उनकी जान के साथ खिलवाड करता नजर आ रहा है।

यूपीसीए की कोई भी कमेटी इस ओर अपना ध्यान नही आकृष्ट नही कर पा रही है। यूपीसीए के एक पदाधिकारी के अनुसार केवल चयन समिति के मुखिया प्रवीण गुप्ता ने अपना बचा काम निपटाने के के चक्कर में इस समय इस चयन प्रक्रिया को अपनाया है जबकि इस आगे बढाया जा सकता था। इस बारे में जब यूपीसीए के प्रबन्धक स्तर के अधिकारी से बात की गयी तो उन्होंने इस बारे में बोलने से मना कर दिया जबकि अन्य अधिकारियों ने अपना फोन उठाना मुनासिब नही समझा।