कानपुर की पार्षद लाइब्रेरी को हाईटेक बनाएगा केडीए, खर्च होंगे लगभग एक करोड़ रुपये

कानपुर

Kanpur, Desk : गांधी भवन फूलबाग की पार्षद लाइब्रेरी के कायाकल्प को हरी झंडी मिल गई। इसे हाईटेक बनाने पर लगभग एक करोड़ रुपये खर्च होंगे। पहले चरण में 35 लाख रुपये का इस्टीमेट तैयार किया गया है। अवर अभियंता सीबी पांडेय ने वहां की हर कमी देखी और जरूरतों की सूची तैयार की।

पहले चरण के इस्टीमेट में विशेष प्रकार की 40 नई अलमारियां मंगाने, पत्रिकाओं के लिए अलग फोल्डर रखवाने, कंपटीशन की किताबें खरीदने, टूटी खिड़कियों के शीशे लगवाने, झरोखों के साथ लोहे की ग्रिलों पर जाली लगवाने, कुछ नए फर्नीचर बनाने, धूल रोकने के लिए शीशे से लाइब्रेरी को पैक करने और पर्दे मंगाने के साथ ही किताबों की बाइडिंग कराने की व्यवस्था शामिल है। अधिशासी अभियंता ने अपने सामने ही पुस्तकों की झाड़-पोछ भी शुरू कराई।

अभियंत्रण की टीम ने इस्टीमेट मुख्य अभियंता रोहित खन्ना को सौंपा। इसमें 35 लाख खर्च का आकलन किया गया था। केडीए वीसी तक इस्टीमेट पहुंचा तो उन्होंने कहा कि इतने से ही काम नहीं चलेगा। कामचलाऊ खर्च नहीं करना है। एक और इस्टीमेट तैयार करें। इसे शहर की सबसे बेहतरीन लाइब्रेरी बनाइए। वाचनालय भी बनाएं जहां छात्र-छात्राओं के साथ ही अन्य पाठकों के बैठने की व्यवस्था हो। इस हिस्से को एयरकंडीशंड किया जाए। भीतर ऐसा वातावरण नजर आना चाहिए जहां आराम से पढ़ने का माहौल हो। शोर-शराबे से कोई वास्ता न रहे।

रूम हीटर, एलईडी लाइटें और कंप्यूटर आदि की व्यवस्था हो जिस पर सभी पुस्तकों की जानकारी हो। कैटलॉगिंग बॉक्स बेहतर हो। दीवारों पर पेटिंग कराई जाए। साफ-सफाई के लिए मशीनें मंगाई जाएं। मुख्य अभियंता ने बताया कि लगभग एक करोड़ या इससे कुछ अधिक का खर्च आएगा। वीसी ने कहा कि कोई फर्क नहीं पड़ता। शहरवासियों के लिए बढ़िया प्लेटफॉर्म होगा। पहले चरण का काम जल्द शुरू करें। बाकी का इस्टीमेट तैयार करके पेश करें। बंदरों से सुरक्षा के सारे इंतजाम किए जाएं।

झंडा गीत के रचयिता श्याम लाल गुप्त पार्षद के नाती सौरभ गुप्ता भी गांधीवादी सुरेश गुप्ता के साथ लाइब्रेरी पहुंचे। लाइब्रेरी की हालत देखकर उन्होंने चिंता जताई। कहा कि अगर सार्थक प्रयास किए जाएं तो यह लाइब्रेरी सबसे अच्छी हो सकती है। यहां की प्राचीन पुस्तकें बहुमूल्य हैं जो शायद ही कहीं मिलें। सुरेश गुप्ता ने कहा कि पार्षद जी की 125 वीं जयंती मनाई जा रही है जिसका समापन 9 सितंबर को हो रहा है। यह अच्छा है कि इसी समय में लाइब्रेरी की सेहत भी सुधर जाए।

बापू की दुर्लभ पेंटिंग भी सहेजेगा केडीए
लाइब्रेरी में महात्मा गांधी की दुर्लभ पेंटिंग भी रखी हुई हैं जो यहां 59 साल पहले लगाई गई थी। बंदरों ने इस पेंटिगं को भी फाड़ दिया। कई वर्षों से यह नीचे उताकर रखी गई है। केडीए के अधिशासी अभियंता मनोज उपाध्याय ने बताया कि इस पेंटिंग को भी सहेजा जाएगा। फटी हुई जगह समेत पूरी पेंटिंग को केमिकल लगाकर जीवंत किया जाएगा। बताते चलें कि बंदरों ने लाइब्रेरी के प्रथम प्रेसीडेंट ज्ञानप्रकाश की ही कुर्सी छोड़ी है जो लकड़ी की है मगर रिवाल्विंग है।