Lucknow/Kanpur : प्रदेश के स्पोर्ट्स कालेज में छात्रों की भर्ती प्रक्रिया अब अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों की देख-रेख में

कानपुर लखनऊ

Bhupendra Singh : प्रदेश के तीनों स्पोटर्स कालेजों में अब छात्रों की भर्ती प्रक्रिया अब अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाडियों की देख रेख में सम्पन्न होगी। प्रदेश के स्पोर्ट्स कालेजों में चयन ट्रायल्स के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन भी कर दिया गया है। अपर मुख्य सचिव, खेल एवं युवा कल्याण डा0 नवनीत सहगल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में तीनों स्पोर्ट्स कालेजों में संयुक्त रूप से प्रारंभिक चयन ट्रायल्स के माध्यम दाखिले की व्यवस्था थी। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी चयन समिति में अध्यक्ष होगा। इनके अलावा भारतीय खेल प्राधिकरण के खेल प्रशिक्षक, संबंधित कालेज के प्रधानाचार्य, राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी तथा कालेज से संबंधित खेल प्रशिक्षक को समिति में सदस्य बनाया गया है।

उन्होंनें जानकारी देते हुए बताया कि अब छात्र/छात्राओं की सुविधा के लिए इस व्यवस्था में बदलाव करते हुए अब तीनों स्पोर्ट्स कालेजों में अलग-अलग चयन ट्रायल्स कराया जायेगा। छात्र/छात्राएं जिस स्पोर्ट्स कालेज में प्रवेश के इच्छुक है, उनको वहीं पर ट्रायल्स देने की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है। तीनों स्पोर्ट्स कालेजों के प्रधानाचार्यों को निर्देश भी दिये हैं कि वह अपने यहां आयोजित प्रारंभिक चयन परीक्षा में उत्तीर्ण छात्रों को मुख्य चयन ट्रायल्स परीक्षा में आमंत्रित करेंगे तथा संबंधित खेल की दो दिवसीय फिजिकल, स्किल तथा गेम परीक्षा आयोजित कराई जाये। जिसका परिणाम संबंधित कालेज अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेंगे और अन्य माध्यम से चयनित छात्रों को सूचना उपलब्ध करायेंगे।

अपर मुख्य सचिव ने आगे बताया कि उत्तर प्रदेश स्पोर्ट्स कालेजेस सोसाइटी, लखनऊ के अधीन संचालित तीनों स्पोर्ट्स कालेजों में आगामी मार्च माह में सत्र 2023-24 के लिए कक्षा-6 में दाखिले के लिए प्रारंभिक एवं मुख्य चयन ट्रायल लिया जायेगा। लखनऊ, गोरखपुर एवं सैफई तीनों स्पार्ट्स कालेजों में तीन दिनों की प्रारंभिक चयन ट्रायल्स का आयोजन किया जायेगा। प्रारंभिक चयन परीक्षा में फिजिकल एवं गेम दोनों में उत्तीर्ण छात्रों का जन्म तिथि सत्यापन के बाद मुख्य चयन ट्रायल्स लिया जायेगा। छात्रों का आधार कार्ड के आधार पर जन्मतिथि का सत्यापन किया जायेगा। इससे पहले छात्रों की आयु की गणना मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से जारी जन्मतिथि का प्रमाण-पत्र के आधार पर ही की जाती थी।