-यूपीसीए के पदाधिकारियों की नीरसता से अभी तक के मैचों में रहा दर्शकों का टोटा
कानपुर, भूपेंद्र सिंह। इन्डियन प्रीमियर लीग के इस बार के संस्करण में पहली बार अपने होम ग्राउन्ड पर मैच खेल रही टीम के प्रबन्धन को मैदान में दर्शक पहुंचाने के लिए भले ही एलएसजी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी हो।एलएसजी के प्रबन्धन समिति की लाख कोशिशों के बाद भी स्टेडियम दर्शकों से भर नहीं पा रहा है। यूपीसीए सूत्रों के अनुसार इसके पीछे की वजह लखनऊ सुपर जायन्टस प्रबन्धन संघ के अधिकारियों को तवव्जो न दना है। जिसके चलते यूपीसीए अपने ही सदस्यों और पदाधिकारियों को मैच के पास और टिकट उपलब्ध करा पाने में असफल साबित हो रहा है।
मैच के दौरान स्टेडियम में दर्शकों की भीड दिखायी दे इसके लिए इकाना प्रबंधन भी अपने रियल स्टेट से संबंधित ग्राहकों को फ्री एंट्री दे रहा है फिर भी स्टेडियम में बमुश्किल 20000 से 25000 हजार दर्शक आ पा रहें हैं इकाना प्रबंधन एलएसजी के मालिक से लगातार स्टेडियम में दर्शक न आने के अलग अलग बहाने बनाता रहा अंत में एलएसजी प्रबंधन ने क्रिकेट विशेषज्ञों की टीम बनाकर पड़ताल करने पर पाया कि स्टेडियम में दर्शक न आने के कुछ अन्य ही कारण हैं जिन्हे इकाना प्रबंधन यूपीसीए से भी छुपाता रहा है आश्चर्यजनक है कि यूपीसीए भी स्टेडियम में दर्शक दीर्घा न भरने का कारण नहीं जान पाया है।
इकाना में दर्शकों की भीड मौजूद न रहने का कारण और भी माने जा रहे हैं जिसमें. स्टेडियम की दीर्घाएं अत्यंत ऊंची बनी है दर्शक गेंद को इतनी ऊंचाई से देख ही नहीं पा रहे हैं, इकाना स्टेडियम प्रबंधन ने स्टेडियम निर्माण के लिए जिस स्टेडियम का ड्राइंग चुना वह दुबई का एक फुटबाल स्टेडियम है फुटबाल खेल की बॉल का ब्यास अधिक होने के कारण दिखाई दे जाती है लेकिन क्रिकेट में ऐसा नहीं है यह एक बड़ा कारण है कि स्टेडियम दर्शकों को आकर्षित नहीं कर पा रहा है।चूंकि दीर्घाएं ऊंची हैं तो लाइट भी ऊंची ही लगी हैं जिस कारण से मैदान में पर्याप्त रोशनी भी नहीं होती है फील्डर को कैच पकड़ने में परेशानी होती है।
पिचों की हालत का तो सबको पता है हाई स्कोरिंग मैच नहीं हो पा रहें हैं स्टेडियम में हवा नही आती है तो गेंदबाजों को स्टेडियम रास नहीं आ रहा है ये मुख्य हैं। यूपीसीए के एक पदाधिकारी ने बताया कि एलएसजी, इकाना और यूपीसीए के त्रिकोणीय मुकाबले में नुकसान केवल दर्शकों का ही हो रहा है। इकाना प्रबन्धन केवल एलएसजी के अधिकारियों को तवव्जो देने में मशगूल है जबकि यूपीसीए का मैदान होने के बावजूद उसे केवल वेन्डर मात्र समझा जा रहा है। इस बारे में संघ के उपाध्यक्ष से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि एलएसजी और यूपीसीए के बीच कुछ भ्रम की स्थिति बन गयी है जिसे जल्द ही दूर कराने का प्रयास किया जाएगा।