Magician OP Sharma : नहीं रहे मशहूर जादूगर ओपी शर्मा, शहर में शोक की लहर

कानपुर

Desk : कानपुर में मशहूर जादूगर ओपी शर्मा ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। वो कोरोना से बीमार चल रहे थे और मौजूदा समय में फार्च्यून अस्पताल में भर्ती थे। उनका डायलिसिस भी चल रहा था और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। बता दें कि 1952 में जन्मे ओपी शर्मा मूल रूप से बलिया जिले के रहने वाले थे।

ओपी शर्मा के परिवार में तीन बेटे तीन बेटे प्रेमप्रकाश शर्मा, सत्य प्रकाश शर्मा और पंकज प्रकाश शर्मा के अलावा बेटी रेनू और पत्नी मीनाक्षी शर्मा हैं। बर्रा इलाके में “भूत बंगला” नाम से उनका निवास स्थल है। वो जादूगर के साथ-साथ वह समाजवादी पार्टी के नेता भी रहे। यहां गोविंदनगर विधानसभा क्षेत्र से वह सपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं।

उन्होंने अपने अंतिम शो में कहा था कि हर शो हाउसफुल के बाद भी यदि जादुई दुनिया को विराम देना पड़ रहा है, तो इसके पीछे आगे के कार्यक्रम हैं। ये कार्यक्रम पहले से तय हो जाते हैं। यहीं कारण है कि चाहकर भी कार्यक्रम आगे नहीं बढ़ा पाता।

उनका कहना था कि जिसकी शुरूआत होती है, उसका अंत भी होता है। ये प्रकृति का नियम है। मैं रहूं या न रहूं जादू चलता रहेगा। केवल यह जानकारी लगने पर कि ‘जादूगर शर्मा’ का शो अंतिम दौर में है, दर्शक बेचैन हो उठे थे। दर्शकदीर्घा में बैठे एक व्यक्ति ने कहा कि ‘सुना है, जादू शो अंतिम दौर में है’। एक महिला ने तो ये कहकर माहौल गमगीन कर दिया कि ‘अभी न जाओ छोड़ कर, दिल अभी भरा नहीं’।

जादूगर शर्मा कहते थे कि ये कला देश की प्राचीनतम है और इसका जन्म भारत में हुआ है, ये पूरे विश्व में फैली हुई है। जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया कि जादूकला विज्ञान और तकनीकी पर आधारित है, जैसे-जैसे विज्ञान आगे बढ़ता रहा नए-नए शो आते रहे, ये कला भी उसी तरह है उसके साथ साथ आगे बढ़ती रही।

बता दें कि ओपी शर्मा के रंगीन इंद्रजाल की दुनिया में उनके साथ लगभग 250 टन वजन का साजो-सामान रहता था। इसमें कई खूंखार जानवर, स्वप्नलोक की परियों का काफिला भी शामिल था। करीब 200 लोगों की टीम में दो दर्जन महिला कलाकारों के साथ लगभग 50 उनके स्टेज के सहयोगी कलाकार भी शामिल रहते थे।

जादूगर ओपी शर्मा के निधन की सूचना पाते ही शहर में शोक की लहर फैल गई । वह अपने पीछे तीन पुत्र, एक पुत्री और पत्नी का भरा पुरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके निधन पर सांसद सत्यदेव पचौरी, सांसद देवेंद्र सिंह भोले, महापौर प्रमिला पांडेय सहित कई जनप्रतिनिधियों ने शोक जताया है।