कानपुर क्रिकेट एसोसिएशन की लापरवाही का आलम , टीम चुनी जा रही गैर जनपद में

कानपुर

कानपुर, भूपेंद्र सिंह। क्रिकेट के पटल पर कभी उत्तरी ध्रुव तारे की तरह चमक बिखेरने वाला कानपुर क्रिकेट देश ही नही प्रदेश की टीमों में अपना प्र्रतिनिधित्व करने की क्षमता लगभग खोता ही जा रहा है। इसे कानपुर क्रिकेट एसोसिएशन के कुछ पदाधिकारियों की लापरवाही का आलम कहें या फिर क्रिकेट के प्रति उनकी उदासीनता वर्तमान समय में नगर के खिलाडियों के साथ कुछ भी पाजिटिव नही दिखायी दे रहा। कानपुर क्रिकेट एसोसिएशन को आपरेट करने वाले नगर में खिलाडियों के लिए मैदान तक उपलब्ध करवा पाने में असफल साबित हो रहे हैं।

कानपुर लीग के अलावा क्रिकेटरों को खेलने के लिए मैदान उपलब्ध न करवा पाने वाले केसीए के प्रशासनिक अधिकारी अब जनपद की टीम चुनने के लिए गैर जनपद के मैदानों का सहारा लेने पर मजबूर हो रहे है। जबकि कानपुर की सरजमीं पर ही लगभग सरकारी में ग्रीनपार्क, ओईएफ स्टेडियम, अर्मापुर में आरमरीना स्टेडियम उपलब्ध हैं तो वहीं निजी में कमला क्लाब और महाविद्यालयों में कई नाम हैं जिनके अपने खुद के खेल मैदान हैं। इसके अलावा नगर के लगभग 85 क्लबों के अपने मैदान और स्कूलों के अपने मैदान होने के बाद चयनकर्ता के नाम पंजीकृत मैदान जोकि गैरजनपद में स्थित है।

जनपद की टीम को चुनने के लिए खिलाडियों को स्वंय अपने खर्च से जाना पडता है। और तो और इस मामले में एसोसिएशन की अभिवावक संस्था यूपीसीए भी पूरी तरह चुप्पी साधे हुए है वह भी इस मामले को स्वत: संज्ञान में लेने में रुचि नही दिखा रहा है। गौरतलब है कि कानपुर जनपद की अण्डर-19 क्रिकेट टीम के 7 एवं 8 अप्रैल को सम्पन्न हुये ट्रायल में कुल 385 खिलाडियों ने सप्रू मैदान, शुक्लागंज में प्रतिभाग कर चयनकर्ता राहुल सप्रू और फैजान खान को अपनी प्रतिभा का अवलोकन करवाया।

जबकि उस जपनद की चयन प्रक्रिया 10 अप्रैल को सरकारी स्टेडियम में आयोजित होने जा रही है। केसीए के एक पदाधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक कानपुर के ग्रीनपार्क और कमला क्लब के अलावा ओईएफ और आरमरीना स्टेडियम मे किसी भी एक में टीम के लिए चयन प्रक्रिया आयोजित होनी चाहिए। केसीए के प्रशासनिक अधिकारी को चाहिए वह नगर में मैदानों को इसके लिए आरक्षित करवाने का प्रबन्ध करें ताकि खिलाडियों को गैर जनपद न जाना पडे।