देश को स्पोर्ट्स का सुपर पावर बनाना पीएम की मंशा: अनुराग ठाकुर

कानपुर

लखनऊ/कानपुर/भूपेंद्र सिंह। विश्व की सर्वाधिक आबादी एवं युवा की संख्या के अनुसार भारत दुनियां का स्पोर्ट्स सुपर पावर बने। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यह मंशा है। इसे संभव बनाने में यूपी की भूमिका गेम चेंजर की होगी। इसके लिए डबल इंजन की सरकार शिद्दत से लगी है। ये बातें केंद्रीय खेल एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री (स्वन्त्र प्रभार) अनुराग ठाकुर ने कही। वह रविवार को यहां लखनऊ में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हार्नेशिंग अपॉरचुनिटीस इन स्पोर्ट्स सत्र के मुख्य अतिथि थे। श्री ठाकुर ने कहा कि 8 साल देश के स्पोर्ट्स का बजट तीन गुना बढ़ गया।

खेलो इंडिया जैसी नीतियों और प्रधानमंत्री द्वारा खेल के हर महत्वपूर्ण आयोजन में जाने वाले खिलाड़ियों से संवाद, प्रोत्साहन का नतीजा दिखने लगा है। हमारे खिलाड़ी विश्व स्तर पर उम्दा प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रयास काबिले तारीफ है। वह देश के इकलौते मुख्यमंत्री हैं जो सिर्फ अपने प्रदेश के ही नहीं पूरे देश के खिलाड़यों की हौसला अफजाई करते हैं। उनको सम्मान देते हैं। कुश्ती एवं बैडमिंटन को गोद लेकर उन्होंने खेलों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता साबित की।

वह कॉरपोरेट एवं निजी सेक्टर्स के जरिए खेल से संबंधित बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। ठाकुर ने कहा कि हमें इन सुविधाओं के निर्माण में गुणवत्ता के साथ समयबद्धता का भी ध्यान रखना होगा। हर काम के लिए डेटलाइन तय करनी होगी। प्रदेश के खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव ने प्रदेश सरकार की ओर से खिलाड़ियों एवं खेल के लिए जिन बुनियादी सुविधाओं पर काम चल रहा है उनका जिक्र किया। साथ ही खेल से समर्पण, सामूहिकता,शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य एवं भाईचारा की भावना से किस तरह बेहतर समाज एवं देश बनता है इसका भी उल्लेख किया। अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा यूपी की 56 फीसद आबादी युवा है।

इसी पर फोकस करते हुए हम गाँव-गाँव पहुंच रहे हैं। 30 हजार गावों में स्टेडियम बन चुके हैं। कैच डेम यंग की नीति के तहत बचपन से ही टैलेंट की पहचान, उनको ट्रेनिंग, और बेहतर बुनियादी सुविधाओं के लिए कारपोरेट एवं निजी सेक्टर की भी मदद ले रहे हैं। इस मौके पर ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा, द्रोण (मोटो जीपी) के मुख्य रणनीतिक अधिकारी कार्लोस, क्रिकेटर सुरेश रैना, यूरोपियन बिजनेस एंड टेक्नॉलजी सेंटर के मैनेजिंग डायरेक्टर पॉल जेनसेन,

एचसीएल फाउंडेशन की वाइस प्रेसिडेंट ग्लोबल सीएसआर डॉ. निधि पुंढीर, ट्रांस्टेडिया के संस्थापक उदित शाह,ब्रिटिश हाई कमीशन के राजनीतिक मामलों के मुखिया रिचर्ड बार्लो, रग्बी इंडिया के सीईओ नसीर हुसैन, इंस्पायर इंस्टिट्यूट ऑफ स्पोर्ट के सीईओ रुश्दी वारले और बास्केटबॉल खिलाड़ी यांचिक सहित अनेक लोगों ने अपने अनुभव भी साझा किए।