कानपुर में प्रदूषण खतरनाक, बच्चे और बुजुर्ग रहे अलर्ट

कानपुर

Adarsh : दीपावली में कानपुर में प्रदूषण अपने चरम पर पहुंच गया है। हवा सांस लेने लायक भी नहीं बची है। अस्थमा रोगियों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के दिवाली की शाम 7 के बाद से एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बढ़ना शुरू हुआ। रात 10 बजे AQI 500 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर को भी पार कर गया। यह आंकड़ा खतरनाक माना जाता है।

कानपुर शहर में पॉल्यूशन बढ़ने का बड़ा कारण इन दिनों पटाखे हैं। दीवाली के मौके पर छुटाए गए पटाखों से पॉल्यूशन का स्तर तेजी से बढ़ा। रात 10 बजे AQI 500 पार कर गया। वहीं यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रीजनल ऑफिसर अमित मिश्रा के मुताबिक, तापमान में गिरावट के साथ ही हवा भी ठंडी होकर वायुमंडल के सबसे निचले स्तर में ही रह जाती है। हवा में मौजूद सस्पेंड पार्टिकुलेट मैटर (पीएम-2.5 और 10), डस्ट पार्टिकल और जहरीली गैसें भी वायुमंडल के ऊपरी हिस्से में नहीं जा पाती हैं।

शहर का प्रदूषण दमा और सांस के रोगियों, बुजुर्गों और बच्चों के लिए तो खतरा है। स्वस्थ व्यक्ति भी यदि इसी प्रदूषण के बीच लगातार दो से तीन घंटे तक रहता है तो उसका भी दम फूल रहा है। इसके अलावा आंखों में और त्वचा में भी जलन महसूस हो रही है।

बच्चे और बुजुर्ग रहे अलर्ट
मौसम विभाग के प्रमुख डॉ. एसएन पांडेय और सीपीसीबी ने सलाह दी है कि बच्चे और बुजुर्ग घरों से ज्यादातर देर तक बाहर न रहें। पटाखों का जहां धुआं हो वहां न खड़े हों। बहुत जरूरी हो तभी वाहन निकालें। दिवाली पर खुशियां मनाएं, लेकिन पूरी सावधानी बरतें।