-खुद के दर्द के एहसास ने श्री मेहरोत्रा को दुसरों को मरहम लगाने की दी सीख। बाल्य काल में इलाज के अभाव में उनके पिता ने तोड़ा था दम।
Beforeprint। अपने दर्द का एहसास मानव को जीवन में सबक सीखा देता है। नतीजतन मानव दुसरे के दर्द का एहसास खुद की भांति करने लगता है। ऐसे ही एक शख्सियत है कानपुर दवा व्यापार मंडल के चेयरमैंन संजय मेहरोत्रा। बात कोरोना काल की है। श्री मेहरोत्रा की छोटी सी उम्र में उनके आंखों के सामने उनके पिता ने दवा व इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया था। लाचार पुत्र उस दौरान कुछ नहीं कर सका। लेकिन पिता की मौंत ने उन्हें बहुत कुछ सीखा दिया।
अलबत्ता संजय मेहरोंत्रा ने एक संकल्प (ठान) लिया कि दवा व इलाज के अभाव में अपने सामनें किसी को मरने नहीं देंगें। चाहे उन्हें जो कुर्वानी देनी पड़े। उस संकल्प को पूरा करने के लिए संजय मेहरोत्रा ने दुसरे को मदद करने व मरहम लगाने के लिए अपना मोबाईल नम्बर तक जारी कर रखा है। श्री मेहरोत्रा कहते है जीवन पर्यंत क्षमता के अनुसार जरूरतमंदों की सहायता करने को संकल्पित हूं।
कानपुर दवा व्यापार मंडल के चेयरमैंन हर जरूरतमंदों को निःशुल्क आक्सीजन सिलिंडर, कंसटेªटर एवं समुचित दवा उपलब्ध कराते है। अखिल भारतीय बारी संघ के नेता व उत्तर प्रदेश बारी संघ के प्रदेश महासचिव एवं दवा व्यवसायी रामलखन बारी रावत, अखिल भारतीय बारी संघ के संगठन मंत्री सह पत्रकार अरूण कुमार विक्रांत एवं लखनउ से दिनेश कुमार बारी नें संजय मेहरोत्रा के संकल्प व दरियादिली की जमकर तारीफ की। उत्तर प्रदेश बारी संघ के महासचिव व कानुपर के दवा व्यवसायी रामलखन बारी रावत बताते है कि करीब साठ वर्ष की उम्र में भी संजय मेहरोत्रा के दिलो दीमाग में जरूरतमंदों की सेवा करने की