कानपुर में विकसित होगा गंगा का किनारा, तैयार होगा पिकनिक स्पाट

कानपुर

कानपुर/स्टेट डेस्क : केंद्र सरकार ने गंगा के किनारे ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व वाले स्थलों को 20 हजार करोड़ की लागत से विकसित करने की योजना बनाई है। जिसके तहत गंगा के घाटों का पर्यटन स्थल के रूप में सुंदरीकरण किया जाएगा। वहीं साथ ही घाट पर हाट योजना के तहत रोजगार सृजन भी होगा।

इसी कड़ी में कानपुर के घाट पर साबरमती या गोमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर विकसित किए जाएंगे। वहीं गंगा बैराज से सिद्धनाथ घाट जाजमऊ तक लगभग साढ़े 11 किलोमीटर लंबे गंगा तट को पिकनिक स्पाट के रूप में तैयार किया जाएगा। जिससे यहां पर्यटकों की संख्या और रोजगार दोनों बढ़गी।

जिसमें नमामि गंगे योजना के तहत 17 करोड़ रुपये से गंगा बैराज पर अटल घाट का निर्माण किया जा चुका है। जैसे – सरसैया घाट, परमट घाट, भैरोघाट समेत कई घाट इसी योजना के तहत विकसित भी किया गया हैं। वहीं अटल घाट से सिद्धनाथ घाट जाजमऊ तक गंगा के किनारे को स्वच्छ, पर्यावरण और पिकनिक स्पाट के रूप में विकसित किया जाएगा। वहीं घाटों का काम विकसित करने के लिए वर्ष 2013 में खाका तैयार हुआ था।

वहीं आइआइटी कानपुर ने अपनी फिजिबिलटी रिपोर्ट सौंप दी थी। जिसमें विश्वबैंक के अध्यक्ष जिम यान किंग मई 2013 में कानपुर आए थे और उन्होंने कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) के इस प्रस्ताव की प्रशंसा भी की थी। हालांकि, धनाभाव के चलते काम लटका रहा था। गंगा से बढ़ेगा, लोगों को मिलेगा रोजगार बाद में नमामि गंगे योजना के तहत घाटों का सुंदरीकरण किया गया। एक बार फिर से इन घाटों को चमकाने की तैयारी है। उच्च स्तरीय संयुक्त विकास समिति समन्वयक नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के चालू होने से एक बार फिर लोगों का गंगा से जुड़ाव होगा साथ ही रोजगार भी बढ़ेगा।

विकास का यह है खाका :

-घाटों का सुंदरीकरण करने के साथ नए घाट बनाए जाएंगे।

-गंगा के किनारे खाली पार्कों को पिकनिक स्पाट के रूप में विकसित किया जाएगा।

-पार्किंग की व्यवस्था होगी।

-घाट पर हाट योजना के तहत रोजगार सर्जन होगा।

-एक घाट को दूसरे से जोडऩे के लिए रास्ता जोड़ा जाएगा।

-गंगा के किनारे हरियाली के साथ आधुनिक लाइटें लगाई जाएंगी।

  • बच्चों के लिए पार्क और झूले लगाए जाएंगे।

-साइकिल ट्रैक भी बनाया जाएगा।