कानपुर। भारत और न्यूजीलैण्ड टीमों के बीच बीते नवम्बर में खेले गए टेस्ट मैच के दौरान ग्रीनपार्क में लिफ्ट लगने की प्रारम्भिक प्रक्रिया शुरु तो की गयी लेकिन अभी तक उसका कार्य की शुरुआत नही हो सका है। यही नही बीते साल की 28 नवम्बर को भूमि पूजन हो जाने के बाद लिफ्ट लगवाने के लिए 75 दिनों का समय तय किया गया था लेकिन लगभग 169 दिनों के बाद भी अभी तक लिफ्ट लगाने वाली कम्पनी को टेन्डर तक नही दिया जा सका है।
लिफ्ट लगवाने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 72 लाख का बजट भी तय कर दिया गया था।ग्रीनपार्क के मीडिया सेन्टर में लिफ्ट न लगने के पीछे लगभग 5 करोड की लागत से बनने वाली विजिटर गैलरी बडी वजह मानी जा रही है। बीते साल टेस्ट मैच से पहले मीडिया सेंटर गैलरी में लिफ्ट लगाने की कवायद पूरे जोरों पर चली लेकिन वक्त रहते वह प्रक्रिया ठन्डे बस्ते में चली गयी और विजिटर गैलरी का कार्य दिन रात चलता रहा और उसे पूरा करवाने में उप निदेशक खेल मुद्रिका पाठक अभिरुचि दिखाती रही।
जानकारों की माने तो उपनिदेशक खेल अपने कार्यकाल में विजिटर गैलरी को पूरा करवाने में रुचि दिखा रहीं है ताकि उसमें उनकी उपलब्धि प्राथमिकता में गिनी जाए। इसी क्रम में ग्रीन पार्क गैलरी में लिफ्ट लगाने के लिए भूमि पूजन किया गया। लिफ्ट का भूमि पूजन तो हो गया लेकिन अभी तक उस कम्पनी को टेन्डर तक नही दिया जा सका है जो उसे पूर्ण रूप से स्थापित करेगी।
मण्डलायुक्त डा.राजशेखर ने भूमि पूजन के बाद बताया था कि दो लिफ्टो को लगाने के लिए 40 दिनों का समय पर्याप्तय नही है दरअसल मीडिया गैलरी में दो लिफ्ट लगनी है, खेल विभाग का कहना है कि शुरुआत में छोटी लिफ्ट लगाई जा सकती थी और मैच के बाद दूसरी लिफ्ट लगवाने की प्रक्रिया शुरु कर दी जाएगी। बतातें चले कि बीते साल 2106 में ऐतिहासिक 500 टेस्ट मैच के दौरान लिटिल मास्टर ने लिफ़्ट न होने की शिकायत..यूपीसीए समेत जिला प्रशासन व बीसीसीआई के आला अधिकारियों से की थी उन्होंने कहा था कि कमेंट्री बॉक्स चौथे फ्लोर में होने के चलते आवाजाही में काफी परेशानी होती है। जिसका संज्ञान जिला प्रशासन की ओर से लिया गया था।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत डायरेक्टर पवेलियन में विजिटर गैलरी बनाने की भी स्वीकृति दी गई थी । पांच करोड़ की लागत से प्रोजेक्ट को पूरा करवाने की शासन से स्वीकृति भी मिल गयी थी। मण्डलायुक्त डा.राजशेखर के आह्रवाहन पर यूपीसीए और बीसीसीआई समेत कई पूर्व खिलाडियों ने अपनी ओर से किसी न किसी प्रकार का योगदान जैसे कोई अपना बल्ला, बॉल, या फिर ग्रीन पार्क से जुड़ी किसी भी प्रकार की वस्तुओं को विजिटर गैलरी के निर्माण में दे दिया लेकिन लिफ्ट लगवाने के लिए न तो यूपीसीए और न ही खेल विभाग की ओर से पहल की जा रही है।
शहर के मंडलायुक्त राज शेखर से जब इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया, हम लोगों ने सभी तरह के अप्रूवल दे दिए थे, लेकिन उस समय जो लिफ्ट लग रही थी वो इंटरनेशनल मानकों पर खरी नहीं उतर रही थी। इसी वजह से हमने 75 लाख के बजट को बढ़ा कर दुगना कर दिया है। लिफ्ट कंपनियों के प्रपोजल आ रहे है, जल्द से जल्द हम इसे फाइनल करके लिफ्ट को इन्स्टॉल करने का कार्य पूरा करेंगे।