यूपीसीए के चयनकर्ताओं की साजिश का शिकार नगर के नौनिहाल क्रिकेटर

कानपुर

कानपुर/भूपेंद्र सिंह । उत्‍तर प्रदेश की क्रिकेट टीम में खिलाडियों की चयन प्रक्रिया में नगर के खिलाड़ियों का शामिल न किया जाएगा कोई नई बात नहीं है चयनकर्ताओं की साजिश का शिकार बीते कई सालों से नकल के खिलाड़ी हो रहे हैं उत्तर प्रदेश के क्रिकेट टीम मैं अगर देखा जाए तो केवल रणजी व सैयद मुश्ताक के अलावा किसी भी टीम में नगर के खिलाड़ियों को ढूंढना मुश्किल हो जाएगा।

प्रदेश के सबसे सीनियर टीम मैं अंकित राजपूत अलमास औकात व कुलदीप यादव के अलावा कोई खिलाड़ी नहीं है जबकि अंडर 23 से लेकर अंडर फोर्टीन तक की टीम में अब नगर का कोई भी खिलाड़ी शामिल नहीं किया गया है धांधली कुछ नया विषय नही है बीते कई सालों से इससे कई होनहार व प्रतिभाशाली खिलाडी टीम में अपना स्थान नही बना पाए है।

उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ की सबसे छोटी अंडर फोर्टीन की टीम में खेलने का सपना सजाए नौनिहाल क्रिकेटरों को निराशा का सामना करना पड़ा है इस बार की टीम में नगर से एक भी खिलाड़ी का चयनित ना होना जबकि धांधली से की जा रही चयन प्रक्रिया में कई सालों से प्रतिभाशाली क्रिकेटरों के बजाय रसूखदार व प्रभावशाली लोगों के बच्चेे ही टीम का प्रतिनिधित्व् करते नजर आ रहे है।

उत्तर प्रदेश के क्रिकेट टीम में नगर के 41 जिलों के ही खिलाड़ियों को प्रमुखता दी जा रही है जो इस संघ के सदस्य इकाई हैं इसके अलावा सूबे के अन्य जिलों से खिलाड़ियों को प्रमुखता भी नहीं दी जा रही है कई प्रतिभाशाली क्रिकेटरों ने तो भरे मन से अब चयनकर्ताओं पर ही आरोप लगाने शुरु कर दिए है ये बात अलग है कि वह अपना विरोध खुलकर प्रकट नही कर पाते। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ की चयन समिति के मुखिया अरविन्द कपूर के सच्चे मित्र व रेलवे विभाग में कार्यरत संजय यादव के पुत्र कुणाल यादव बीते कई सालों से जूनियर व सीनियर टीम का हिस्सा है और वह सीधे तौर पर टीम में शामिल होते आ रहे है जबकि उनका दर्ज करवाई लेकिन उसका हल निकलते नही दिखायी दे रहा है।

उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के चयनकर्ता अब नगर के खिलाड़ियों के साथ पूरी तरह से अन्याय करने के मूड में दिखाई दे रहे हैं नगर में क्रिकेट पूरी तरह से अपने शबाब में है लेकिन चयनकर्ताओं की नजरअंदाज किए जाने से खिलाड़ियों का मनोबल टूटता ही जा रहा है।