कानपुर/बीपी प्रतिनिधि। कानपुर सेंट्रल पर ट्रेनों का बोझ कम करने के लिए गोविंदपुरी स्टेशन को सैटेलाइट स्टेशन के रूप में निर्मित करने की तैयारियां हैं। इस दिशा में स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव शुरू किया गया है और जल्द ही कोचों में पानी भरने की व्यवस्था भी शुरू कर दी जाएगी।
गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन को कानपुर सेंट्रल का सैटेलाइट स्टेशन बनाने की सबसे बड़ी जरूरत यानी कोचों में पानी भरने की व्यवस्था जल्द हो जाएगी। अभी तक कानपुर में सिर्फ सेंट्रल स्टेशन पर ही कोचों में पानी भरने की व्यवस्था है। कानपुर से होकर चलने वाली कई लंबी दूरी की ट्रेनों को ट्रायल के तौर पर अभी गोविंदपुरी से गुजारा जा रहा है। यह ट्रेनें सेंट्रल स्टेशन नहीं आती हैं।
गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन को रेलवे सैटेलाइट स्टेशन के तौर पर विकसित कर रहा है। इसके लिए सबसे बड़ा काम डायमंड क्रॉसिंग को खत्म कर दिया गया है। इससे गोविंदपुरी स्टेशन से झांसी और दिल्ली रूट पर जाने के लिए अलग-अलग रेलवे लाइन हो गई। पहले इस क्रॉसिंग की वजह से झांसी से गोविंदपुरी स्टेशन आने वाली ट्रेन भीमसेन के आगे तब तक रुकी रहती थी, जब तक दिल्ली से आने वाली ट्रेनों को रेड सिग्नल न दिया जाए। दिल्ली रूट ज्यादा व्यस्त है।
ऐसे में जब झांसी रूट की ट्रेनों को हरी झंडी मिलती तो दिल्ली की ट्रेनें एक के पीछे एक खड़ी हो जाती थीं। अब दोनों लाइनें स्वतंत्र हैं। इसके अलावा स्टेशन पर कोच इंडिकेशन बोर्ड, ट्रेनों की जानकारी देने वाला इलेक्ट्रॉनिक डिस्पले, फ्रीजर, नई लूप लाइनें और प्लेटफार्मों का सुधार हो चुका है। वाटरिंग सिस्टम के लिए ट्रैक के बीच पाइप लगा दिए गए हैं। इसका कनेक्शन ओवरहेड टैंक से होगा। कानपुर के सांसदों ने रेलवे अफसरों से यहां पर फूड प्लाजा, वीआईपी यात्री प्रतीक्षालय भी जल्द बनाने की मांग की है।
इस बारे में हिमांशु शेखर उपाध्याय, निदेशक, कानपुर सेंट्रल ने बताया कि सेंट्रल पर ट्रेनों का लोड बहुत है। लंबी दूरी की कई नियमित और स्पेशल ट्रेनें अब सेंट्रल के बजाय गोविंदपुरी से ही प्रयागराज रूट पर आनाजाना कर रही हैं। गोविंदपुरी को विकसित करने का काम तेजी से चल रहा है। वाटरिंग सिस्टम का काम पूरा होने वाला है। इससे ट्रेनों के कोचों में पानी भरने की सुविधा होगी।
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