केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने किया टूल रूम का निरीक्षण, बोले- विपक्ष और टुकड़े टुकड़े गैंग, कैसे स्टूडेंट्स को उकसा रहा है

कानपुर

कानपुर, बीपी डेस्क। कानपुर में शुक्रवार को टूल रूम का निरीक्षण करने केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह पहुंचे। टूल रूम का निरीक्षण करते हुए केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि टूल रूम का बेहतर संचालन जरूरी है। इसके लिए उद्यमियों क़े साथ लगातार संवाद स्थापित करते रहें। जैसा कि टूल रूम का संचालन पूरी तरह से शुरू नहीं किया जा सका है, इसलिए उन्होंने अफसरों से नाराजगी भी जताई।

उन्होंने कहा कि जिस सेंटर में सौ करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है। उसकी अभी तक शुरुआत न होना गंभीर बात है। अफसरों को हिदायत दी कि इसके लिए काम करना होगा। टूल रूम सेंटर क़े लिए ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट तैयारी कर उसका जल्द से जल्द क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए।

केंद्रीय मंत्री बोले जल्द से जल्द उद्यमियों क़े साथ बैठक होनी चाहिए। उनके सुझाव लेकर बदलाव और क्रियान्वयन पर काम करें। उद्यमियों की स्किल मैनपावर क़ी जरूरत का ध्यान रखा जाए। केंद्रीय मंत्री ने अफसरों से कुल औद्योगिक इकाइयां कितनी हैं, कितने पाठ्यक्रम संचालित हैं आदि कई जानकारियां भी ली। उन्होंने 22-23 जून के बीच उद्यमियों क़े साथ बैठक करने और उनकी मांग के अनुरूप काम शुरू करने के निर्देश दिए।

यूपी, बिहार, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में अग्निपथ योजना को लेकर स्टूडेंट्स उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं। कानपुर में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा “राजनीतिक पार्टियां इसे मुद्दा बना रही है। इस योजना से युवाओं को बहुत फायदा होगा। गिरिराज सिंह ने कहा ” ये साफ दिख रहा है कि विपक्ष और टुकड़े टुकड़े गैंग, कैसे स्टूडेंट्स को उकसा रहा है। ये लोग स्टूडेंट्स के कंधों पर बंदूक रखकर केंद्र सरकार पर निशाना साधने की कोशिश कर रहे है।

मोदी सरकार देश के विद्यार्थियों का भला चाहती है। तभी तो 21 साल से बढ़ाकर अग्निपथ योजना में उम्र सीमा 23 कर दी गई। इस योजना में युवाओं को बेहतर रोजगार देने की व्यवस्था की गई है। जिसे ये लोग अभी समझ नहीं पा रहे है। हमारी सोच ऐसी है कि चार में से एक को सेना में जॉब मिले। तो बाकी 3 को दूसरे सेक्टर में जॉब मिले। कहा ” राज्य सरकारे वोट बैंक की राजनीती छोड़ें। जो लोग भी हिंसा कर रहे है, उनमें गैर छात्रों को चिह्नित करके राज्य सरकारें कार्रवाई करें। क्योंकि, हमारे छात्र देश की प्रॉपर्टी को नुकसान नहीं पहुंचा सकते।