कानपुर/भूपेंद्र सिंह। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सदस्य के साथ दिल्ली जैसी शक्तिशाली टीम का नेतृत्व कर चुके विजय दाहिया को प्रदेश क्रिकेट टीम से जुडे अभी ज्यादा समय बीता भी नही था कि वह रहस्यमयी तरीके से बीच मझधार में टीम को छोडकर भाग खडे हुए।
उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ में अब कोच के रणजी के रण के बीच में टीम को छोड देने का यह पहला मामला सामने आया है जिससे क्रिकेट जगत में कौतूहल का विषय बन गया है। विजय दाहिया के अचानक टीम को छोड देने के चलते फील्डिंग कोच मूसी रजा के भरोसे रणजी ट्राफी का मैच पूरा करवाया जा सका। यूपी क्रिकेट एसोसिएशन के कई पदाधिकारियों की विजय से लाख सम्पर्क करने की कोशिश भी सफल नही हो सकी। विजय दाहिया बीते तीन दिनों से टीम छोडकर निकले और वापस उससे जुडने का किसी तरह का प्रयास नही किया।
यही नही वह अब यूपीसीए के किसी भी सदस्य का फोन कॉल भी रिसीव नही कर रहे। गौरतलब है कि विजय दाहिया को साल 21-22 के सत्र के लिए मुख्य प्रशिक्षक के तौर पर नियुक्त किया गया था जिस पर टीम को विजय हजारे और सैयद मुश्ताक अली के साथ ही रणजी ट्राफी में चैम्पियन बनाने की पूरी जिम्मेदारी पूर्व सचिव राजीव शुक्ला ने सौंपी थी। विजय दाहिया ने टीम में जुडने के साथ ही यह ऐलान भी किया था कि वह टीम को चैम्पियन बनाने में कोई कोर कसर बाकी नही रखेंगे लेकिन हुआ बिल्कुल उससे उलट वह टीम को ही बीच मझधार में रहस्यमयी तरीके से छोडकर चले गए। क्रिकेट के जानकारों के मुताबिक विजय दाहिया को टीम के छोडने के लिए सहारनपुर और प्रयागराज के अधिकारियों ने विवश कर दिया।
विदर्भ टीम के खिलाफ टीम ने सीधी जीत दर्ज की थी इसके बाद से ही टीम में विवाद पैदा हो गया और दूसरे मैच के दौरान ही विजय टीम को रहस्यमयी तरीके से बीच में ही छोडकर गायब हो गए और टीम से वापस नही जुडे।
वर्जन-विजय दाहिया का मैच के दौरान टीम को छोडकर भाग जाने का मामले में पूरी तरह से जानकारी तो नही है लेकिन उन्हे ऐसा नही करना चाहिए। ये जांच का विषय है इसके लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्तर के लोग ही बता पाएंगे अगर ऐसा हुआ है तो ऐसे प्रकरण रोकने के लिए कडे कदम उठाने होंगे।
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