-आईसीसी के नियमों को ताक पर रख बनवाई गई विकेट बनी लखनऊ के लिए हार का कारण
लखनऊ/ कानपुर। आईपीएल के 15 संस्करण मे अपने होम ग्राउंड इकाना स्टेडियम पर खेल रही पहली बार लखनऊ सुपर जाइन्टस की टीम ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि वह अपने जिस गृह मैदान पर खेल रहे हैं उसी में उन्हें हार का सामना करना पड़ेगा । लखनऊ सुपरजाइंट्स के लिए इकाना स्टेडियम की पिच –लो स्कोरिंग ग्राउंड– का स्वरूप धारण कर चुकी है।
जहां देश के अन्य क्रिकेट स्टेडियमों में टीमें रनों का अम्बार लगा देने में मशगूल हैं तो वहीं एलएसजी की टीम अभी तक एक मैच को छोडकर 150 का आंकडा इस स्टेडियम में नही छू सकी है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के मानकों को ताक पर रखकर बनवाई जा रही विकेट अभी भी खेलने के लायक स्थिति में नहीं दिखाई दे रही ।
साल 2017 में निर्मित इस स्टेडियम की विकेट को लेकर पहले दिन से ही क्रिकेटरों और विकेट निर्माण करने वालों के बीच विरोधाभास जारी है । इकाना स्टेडियम के पिच की कलई सबसे पहले पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट प्लेयर और उत्तर प्रदेश टीम के पूर्व कप्तान सुरेश रैना ने खोल दी थी। जिस पर उन्होंने इसे खेलने लायक नहीं बताया था। कमोबेश यही स्थिति रणजी ट्रॉफी, एक दिचसीय और टी-20 आदि मैचों में बनी रही है ।
बीती 29 जनवरी को भारतीय टीम के कप्तान हार्दिक पांड्या ने भी न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए मैच के बाद स्टेडियम के खराब विकेट को लेकर टीका टिप्पणी की थी । जिस पर यूपीसीए की जग हंसाई भी हुई पर संघ के साथ ही इकाना के प्रबन्धेतन्त्र ने उस प्रकरण से किसी प्रकार का सबक नहीं लिया और आईपीएल जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के एक साथ 7 मुकाबले आयोजित करवाने की हामी भर दी।
उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह जो विकेट निर्माण करने की भी स्वयंभू उपाधि हासिल कर चुके हैं ।उन्होंने ग्वालियर के संजीव राधेश्याम अग्रवाल को इसकी जिम्मेदारी सौंपी लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात निकला और मैदान के साथ पिच का व्यवहार अडियल टटटू की तरह बनकर रह गया। लखनऊ सुपरजाइंट्स के लिए इकाना स्टेडियम का विकेट अब केवल –लो स्कोरिंग ग्राउंड– की पहचान बनकर रह गया है ।
यही नही अब तो यूपीसीए बढ़-चढ़कर बीसीसीआई में यह दावा पेश कर रहा है कि इकाना स्टेडियम पर अक्टूबर-नवंबर में होने वाले एकदिवसीय विश्वकप की मेजबानी करने का भी अवसर मिले लेकिन विकेट का हाल देख कर यह लगता नहीं कि बीसीसीआई इकाना को मौका आसानी से दे देगा ।
उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने बताया कि पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह की कानपुर के ग्रीनपार्क स्टेडियम के प्रति नाराजगी और इकाना के मालिकों से अगाध प्रेम क्रिकेट को धरातल की ओर ले जा रहा है जिस पर किसी को भी ध्यान नहीं है । क्रिकेट की समझ रखने वालों को चाहिए कि वह इसका पुरजोर विरोध करें ताकि क्रिकेट को उसके वास्तविक स्वरूप से ही पहचाना जा सके । अगर पूर्व सचिव की हठधर्मिता का यही रवैया रहा तो बीसीसीआई – यूपीसीए पर भी बैन लगाने को आगे आए तो यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होनी चाहिए।