कानपुर/बीपी प्रतिनिधि। जेके समूह के उपाध्यक्ष निधिपत सिंहानिया को उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ में अध्यक्ष एक साजिश के तहत ही बनाया गया है। बीसीसीआई में अपना सिक्का जमाने और बोर्ड का अध्यक्ष बनने के लिए यूपीसीए के पूर्व सचिव ने अपने कारखासों के जरिए उन्हे संघ का अध्यक्ष तो चुन लिया लेकिन उन्हे वह जिम्मेदारी नहीं दी और न ही किसी भी मीटिंग में उन्हे आमन्त्रित किया।
यूपीसीए के अन्दरखाने में खबर चल रही है कि राजीव शुक्ला के सबसे नजदीक और निकटतम मित्र अशोक चतुर्वेदी को संघ का अगला अध्यक्ष घोषित करवाने की पूरी कोशिश की जा रही है। गौरतलब है कि तीन महीने से चुने गए निधिपत आज तक कभी भी संघ के कार्यालय में अपनी उपस्थित नही दर्ज करा सके हैं। संघ के पूर्व सचिव राजीव शुक्ला ने यह खेल इसलिए खेला है क्योंकि निधिपत सिंहांनिया दूसरे खेमे के लोगों के साथ निकटतम सम्बन्धों में थे।
राजीव शुक्ला ने उन्हें अपने खेमे में लेकर विरोधी गुट के तेवर ठन्डेे करने का काम किया और उन्हे एक साल के लिए अध्यक्ष के पद से सुशोभित कर दिया। राजीव शुक्ला के निकट युद्धवीर सिंह ने यूपीसीए के एक पूर्व कर्मचारी को धोखे में ही सही पर बता दिया कि आने वाले सितम्बर के महीने में अध्यक्ष बदल दिया जाएगा और उन्हे संघ में किसी बडे पद पर सुशोभित करवा दिया जाएगा।
बतातें चलें कि सितम्बंर में आम सभा से पूर्व ही बोर्ड के चुनाव होने है और पूर्व सचिव अपने को यूपीसीए की ओर से प्रतिनिधित्व करने के लिए सभी सदस्यों की रजामन्दी भी करवा चुके है। यूपीसीए के अध्यक्ष चुने गए निधिपत के स्वीकृति के बाद एक और पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह और डायरेक्टर इन्चार्ज रियासत अली, संयुक्त सचिव मोहम्मद फहीम के साथ ही अन्य पदाधिकारियों ने भी राजीव शुक्ला को बोर्ड के लिए नामित करवा दिया था।
यह भी पढ़ें…
राजीव शुक्ला बीसीसीआई में अध्यक्ष बनने के लिए यूपीसीए की ओर से बिना पद के ही नामित कर दिए गए, ये बडा ही विचित्र पहलू नजर आ रहा है। इस संबंध में यूपीसीए के महाप्रबन्धक अनिल कम्थान ने कहा कि निधिपत सिंहानिया को वैसे तो दो साल के लिए ही चुना गया है। हो सकता है कि वे जेके समूह के उपाध्यक्ष बने रहने के लिए संघ से नाता तोड लें। अगर ऐसा होता है तो अशोक चतुर्वेदी को अगला अध्यक्ष चुना जा सकता है।