Adarsh : राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (NSI) अब फिजी देश को अच्छी गुणवत्ता की चीनी बनाना सिखाएगा। इसके साथ ही चीनी के अलावा इससे जुड़े अन्य उत्पाद और पैदावार बढ़ाने पर भी काम करेगा। एनएसआई में बुधवार को फिजी से चार सदस्यी प्रतिनिधि मंडल पहुंचा। एनएसआई के पदाधिकारी और फिजी देश के प्रतिनिधि मंडल के बीच समझौता भी हुआ। चीनी उद्योग मंत्रालय की निदेशक योजना, नीति और अनुसंधान रेशमा कुमारी बुधवार को फिजी के चार सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल के साथ राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर पहुंची। प्रतिनिधि मंडल फिजी में चीनी उद्योग के आधुनिकीकरण और विकास में एनएसआई से क्या मदद ले सकता है।
इस बात को लेकर प्रतिनिधि मंडल एनएसआई पहुंचा था। एनएसआई के डायरेक्टर नरेंद्र मोहन ने संस्थान की ओर से एक प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि फिजी के चीनी इंडस्ट्री और गन्ना उत्पादन का अध्ययन करने से सामने आया है कि वहां पर चीनी उद्योग प्रसंस्करण के दौरान बिजली की खपत ज्यादा होती है। उत्पादन के दौरान नुकसान का प्रतिशत यहां से ज्यादा है। इसके साथ ही गन्ना उत्पादन भारत के मुकाबले प्रति हेक्टेयर आधा है। इसके साथ ही चीनी के सह उत्पाद यानी अन्य प्रोडक्ट को बनाने का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
वहीं एनएसआई के डायरेक्टर ने बताया कि वहां की खामियों को दूर करने और उत्पादन बढ़ाने के लिए एनएसआई से एक्सपर्ट की टीम फिजी जाएगी। इसके साथ ही वहां के छात्रों को टेक्निकल रूप से सक्षम बनाने के लिए यहां संस्थान में बुलाकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही समय-समय पर यहां से भी टीम फिजी जाएगी। इससे कि फिजी में चीनी उत्पादन को बढ़ाया जा सके। इस दौरान निदेशक (शर्करा प्रशासन) उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय भारत सरकार की ओर से मार्गरेट गंगटे भी मौजूद रहीं। उन्होंने फिजी प्रतिनिधि मंडल को दोनों देशों के बीच द्विपक्षी संबंधों को देखते हुए हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।