कानपुर : जनगणना को लेकर तैयारियां शुरू, 110 वार्डों में दस से पंद्रह हजार आबादी बढ़ने का अनुमान

उत्तर प्रदेश कानपुर

-ऑनलाइन लिया जाएगा डाटा
-15 लाख अधिक आबादी

कानपुर/बीपी डेस्क। अब जिला प्रशासन के स्तर पर इसकी तैयारी एक बार फिर से शुरू कर दी गई हैं।कोविड के चलते बीते दो सालों से पेंडिंग पड़ी जनगणना की प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की तैयारी है। डिजिटल सिस्टम से जल्द यह काम कराने की योजना है। प्रशासन के मुताबिक शासनादेश जारी हो गया है, शेड्यूल आते ही जनगणना शुरू करा दी जाएगी। इसके अलावा नगर निगम वार्डों के डिजिटल मैपिंग करने का काम भी जल्द शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।

साल 2011 के जनगणना के मुताबिक, कानपुर की जनसंख्या 45,81,268 आंकी गई थी। इनमें पुरूषों की संख्या 24,59,806 और महिलाओं की संख्या 21,21,462 थी। वहीं, वर्तमान में कानपुर की आबादी करीब 15 लाख से अधिक होने का अनुमान है। इसके अलावा जनगणना के दौरान डाटा जुटाने वाले जनगणना कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। बता दें कि अमूमन जनगणना की प्रक्रिया दो फेज में पूरी की जाती है, पहले फेज में सभी घरों और उनमें रहने वाले लोगों की गणना की जाती है।

शासन में अपर मुख्य सचिव डा. रजनीश दुबे ने निकायों को निर्देश किए हैं कि वार्डों की जीआईएस मैपिंग, ऑनलाइन जन्म-मृत्यु पंजीकरण और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर अपडेट कर लिया जाए। बस्तियों पर खास फोकस कर जनणगना की जाए। बस्तियों में जनसंख्या का सही डाटा नहीं मिल पाता है। पिछली जनणगना 2011 में नगर निगम सीमा की आबादी 32.65 लाख थी। बीते 10 सालों में इसमें करीब 20 प्रतिशत आबादी के बढ़ने की संभावना है। ऐसे में सभी 110 वार्डों में दस से पंद्रह हजार आबादी बढ़ने का अनुमान लगाया गया है।

शेड्यूल का किया जा रहा इंतजार : एडीएम फाइनेंस दयानंद प्रसाद ने बताया कि जनगणना का आदेश आया है, अब शेड्यूल आते ही सभी तहसीलों के एसडीएम, तहसीलदार, खंड विकास अधिकारियों को ग्राम रजिस्टर में ग्राम पंचायत का नाम और राजस्व गांव के मजरों के नाम ग्राम का क्षेत्रफल हेक्टेयर आदि का डाटा तैयार करने के निर्देश दिए हैं ताकि समय रहते इसे पूरा कर लिया जाए।लेकिन अगर कोरोना वापस लौटता है तो इसके एक बार फिर से देरी हो सकती है।

ऑनलाइन ही बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट मान्य : आशा, आंगनवाड़ी, सफाई कर्मचारी को बर्थ और डेथ के बारे में पता चलते ही अपने रजिस्ट्रार को अवगत कराना होगा। सीआरएस पोर्टल पर दर्ज जन्म-मृत्यु प्रमाण को वैध माना जाएगा। जन्म-मृत्यु के पंजीकरण के लिए जोन अधिकारी की नियुक्त होगी।

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