कानपुर/बीपी प्रतिनिधि। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के लॉकर से करोड़ों के गहने चोरी होने के मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस का आधा-अधूरा खुलासा किसी की समझ में नहीं आ रहा है। यहां तक कि जिन छह लोगों को पुलिस आरोपी बता रही है, उनके खिलाफ पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य तक नहीं हैं।
हालांकि इस मामले में बैंक मैनेजर समेत चार लोगों को जेल भेजा जा चूका है लेकिन आरोपी बैंक मैनेजर ने अभी तक वारदात में अपनी संलिप्तता को स्वीकार नहीं किया है। पुलिस ने उसे जब शनिवार को मीडिया के सामने पेश किया गया, तो उसने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताते हुए जांच कराये जाने की मांग की।
दूसरी अहम बात यह है कि चोरी तो करोड़ों की हुई पर पुलिस ने मात्र 12 लाख के गहनों की ही बरामदगी दिखायी है। पुलिस यह भी नहीं बता पा रही है कि बरामद गहने किसके हैं साथ ही पुलिस ने ग्राहकों से इन गहनों की पहचान तक नहीं कराई है।
डीसीपी ईस्ट प्रमोद कुमार ने बताया कि मिस्त्री चंद्रप्रकाश की निशानदेही पर एक स्वर्ण व्यवसायी के पास से करीब 12 लाख कीमत के 250 ग्राम सोने के गहने (11 चूड़ियां, दो अंगूठी, दो कान के टॉप्स एंव तीन हार) बरामद किये हैं। यह गहने चंद्रप्रकाश ने उसे बेचे थे। हालांकि, गहने किसके हैं, इस संबंध में पुलिस कोई जवाब नहीं दे सकी।
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पुलिस ने इस मामले में चार स्वर्ण व्यवसायियों को हिरासत में लिया हुआ है, लेकिन पुलिस उनके नाम का खुलासा नहीं कर रही है। एक बड़ा सवाल यह भी है कि यदि इन स्वर्ण व्यवसायियों ने तीन माह पहले खरीदे गए चोरी के गहनों को अब तक गलाया क्यों नहीं।