कानपुर : विश्व क्षयरोग दिवस पर निकाली गयी टीबी जनजागरूकता रैली, जागरूकता गोष्ठी का हुआ आयोजन

Health उत्तर प्रदेश कानपुर

कानपुर/बीपी प्रतिनिधि। जिला क्षय नियंत्रण केन्द्र, सिविल लाइंस, कानपुर नगर में आज गुरुवार को विश्व क्षयरोग दिवस मनाया गया। इस अवसर पर प्रातः 10 बजे टीबी जनजागरूकता रैली निकाली गयी। रैली को अपर निदेशक चिकित्सा, कानपुर मण्डल डॉ. जीके मिश्रा एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नेपाल सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

तत्पश्चात यूएचएम चिकित्सालय के सभागार में मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी डॉ. महेन्द्र कुमार ने टीबी जागरूकता गोष्ठी का उद्घाटन किया। राज्यपाल के आह्वान पर जनपद में 3200 टीबी मरीजों को पोषण सामग्री वितरित की जानी है, जिसका शुभारम्भ मुख्य अतिथि ने कुछ मरीजों को पोषण सामग्री वितरित कर किया।

20 मरीजों के लिये पोषण सामग्री पीएसआईटी (डीसी) सुधीर श्रीवास्तव एवं 10 मरीजों के लिये पोषण सामग्री मनीषा बाजपेई (पुर्ननवा संस्थान) ने उपलब्ध करायी। वहीं रेडकॉस सोसाइटी द्वारा सभी मरीजों को सैनिटाइजिंग किट प्रदान की गयी।

स्वागत अभिभाषण देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नेपाल सिंह ने इस बार की विश्व क्षयरोग दिवस थीम ‘Invest to End TB. Save Lives’ पर चर्चा की। उन्होंने इस थीम की व्याख्या करते हुए कहा कि टीबी के मरीजों को जनसामान्य द्वारा गोद लेकर उनको पोषण सामग्री उपलब्ध करायी जाये तथा उपचार पूर्ण होने तक उनके सम्पर्क में रहे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2025 में टीबी को समाप्त करने के लक्ष्य का समय अत्यंत समीप है, जिसके लिये हम सबको मिलकर कार्य करना है। कार्यक्रम में थिंक टीम द्वारा नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। तत्पश्चात डॉ. जीके मिश्रा एवं डॉ. महेन्द्र कुमार ने अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम के अन्त में जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. एपी मिश्रा ने सभी को धन्यवाद दिया।

कार्यक्रम में उद्योग व्यापार मण्डल से टीकम चन्द्र सेठिया, एचबीटीआई से पीपी सचान, रेडक्रॉस से आरके सपफड़, पुर्ननवा संस्था से मनीषा, अपोलो टायर्स से दीप्ति, दया फाउंडेशन से तुहिन, संरक्षण से अन्नू गोयल, वर्ल्ड विजन इंडिया से टीबी चैम्पियन्स की टीम के साथ रामराजीव एवं पीपीएन कॉलेज से एनएसएस के सदस्य भी उपस्थित रहे।

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कार्यक्रम को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने में राजीव सक्सेना, सुधीर यादव, महेन्द्र राजा, दुर्गेश सागर, सुनील, धर्मेन्द्र, प्रेम, नीरज, शैलेन्द्र एवं रवि आदि का सराहनीय योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन कौस्तुम ने किया।