कानपुर/बीपी प्रतिनिधि। अपना आशियाना उजड़ने से परेशान कई परिवार आज मुआवजे की मांग को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और वहां पर प्रदर्शन किया। डीएम की तरफ से किसी तरह का सही जवाब ना मिलने पर कुछ लोगों ने जिलाधिकारी कार्यालय के परिसर में अपने ऊपर ज्वलनशील पदार्थ डाल लिया।
इसके बाद आनन-फानन में वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस सभी को लेकर कोतवाली पहुंची। प्रदर्शनकारी पुनीत पांडे ने बताया की 2016 में हमने यह जमीन बीएसीएल रियल स्टेट कंपनी से खरीदी थी। कुछ दिन पहले प्रशासन के बुलडोजर पहुंचे और वहां पर बने 60-70 मकानों को ढहा दिया।
प्रशासन ने हमें किसी भी तरह की पहले से कोई नोटिस नहीं दी थी और जब हमने इसकी जानकारी की तो प्रशासन द्वारा बताया गया कि यह अर्बन सीलिंग की जमीन है, जिसको केडीए खाली करा रहा है। हम इससे पहले मुख्यमंत्री से भी मिले और आज जिलाधिकारी से भी मिलने पहुंचे हैं लेकिन उनकी तरफ से कोई भी संतोषजनक जवाब हमें नहीं मिल रहा है।
प्रशासन को यह सोचना चाहिए कि ऐसी चिलचिलाती धूप में हम कहां जाएंगे। हमारी सिर्फ इतनी मांग है कि जिनके-जिनके मकान तोड़े गए हैं और तोड़े जाने हैं, उन सभी को मुआवजा राशि मिलनी चाहिए, जिससे हम अपना दूसरा घर बना सकें।
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