Desk : किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में मंगलवार सुबह इलाज पर संकट खड़ा हो गया। केजीएमयू कर्मचारी परिषद ने कैडर पुनर्गठन की मांग पर ओपीडी के साथ ही अन्य कार्यालयों में कामकाज बंद कर दिया। इसमें केवल इमरजेंसी सेवाओं को छोड़ा गया है। इसकी वजह से ओपीडी के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई। केजीएमयू कर्मचारी परिषद के महामंत्री अनिल के अनुसार कर्मचारियों की मांग पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैये की वजह से मंगलवार से ओपीडी, एमएस ऑफिस, सीएमएस ऑफिस के साथ ही सभी कार्यालयों में काम रोक दिया गया है। इसकी वजह से दूरदराज से आए मरीजों को भी वापस जाना पड़ा। कई मरीज इमरजेंसी भी पहुंचे। जहां कुछ लोगों को भर्ती किया गया और बाकी लोगों को जाने के लिए कहा गया।
बताते चलें कि केजीएमयू की ओपीडी में रोजाना चार से पांच हजार मरीज आ रहे हैं। बेहतर इलाज की आस में प्रदेश भर से आए मरीजों को केजीएमयू में प्रताड़ना झेलनी पड़ी। मरीजों को ओपीडी ब्लॉक से खदेड़ दिया गया। तपती धूप में बेबस मरीज बिना इलाज तड़पते रहे। मरीज इलाज की आस में बैठे रहे। इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। लारी कॉर्डियोलॉजी, क्वीनमेरी, मानसिक, गठिया, हड्डी रोग समेत दूसरे विभागों में भी ओपीडी का संचालन शुरू नहीं हो पाया।
वहीं प्रदर्शनकारियों ने डॉक्टरों को भी ओपीडी ब्लॉक में दाखिल नहीं होने दिया। कई डॉक्टर मायूस होकर लौट गए। कई डॉक्टरों के ओपीडी कमरें में ताला तक नहीं खुला। केजीएमयू प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी। कर्मचारियों के प्रदर्शन और जिद के आगे पुलिस भी बेबस नजर आई।